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Himachal: 'किसी अधिकारी के खिलाफ दुर्व्यवहार बर्दास्त नहीं होगा', नेताओं के लिए सीएम सुक्खू की चेतावनी

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा ने कहा कि किसी अधिकारी के खिलाफ दुर्व्यवहार बर्दास्त नहीं किया जाएगा। चाहे फिर चाहे वो किसी दल का विधायक हो नेता हो या फिर कोई अन्य प्रभावशाली व्यक्ति। सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ कुछ भी गलत नहीं होने दिया जाएगा। आगे सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार की अधिकारी व कर्मचारी वर्ग के प्रति प्रतिबद्धता रहेगी।

By Parkash BhardwajEdited By: Jeet KumarUpdated: Fri, 22 Sep 2023 07:31 AM (IST)
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सीएम सुक्खू बोले- किसी अधिकारी के खिलाफ दुर्व्यवहार बर्दास्त नहीं होगा
शिमला, राज्य ब्यूरो: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के साथ दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चाहे फिर चाहे वो किसी दल का विधायक हो, नेता हो या फिर कोई अन्य प्रभावशाली व्यक्ति।

लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी को धमकाया था

उन्होंने कहा कि जोगेंद्रनगर में लोक निर्माण विभाग के एक अधीक्षण अभियंता को धमकाने का मामला उनके ध्यान में भी आया था, जिसपर उन्होंने तुरंत पुलिस को एफआईआर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ कोई भी व्यक्ति इस तरह की बदतमीजी करता है, तो उसपर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि मंडी जिला के तहत आने वाले बल्ह क्षेत्र में भी ऐसा मामला सामने आया था। जिसमें एक विधायक द्वारा एसडीएम के साथ दुर्व्यवहार करने का मामला सामने आया था। जिस पर सरकार ने एफआईआर करवाई है। ऐसे में सरकार की कर्तव्यनिष्ठा दिखती है कि सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ कुछ भी गलत नहीं होने दिया जाएगा। सरकार की अधिकारी व कर्मचारी वर्ग के प्रति प्रतिबद्धता रहेगी।

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विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद जोगेंद्रनगर के विधायक प्रकाश राणा ने प्वाइंट ऑफ आर्डर के तहत लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता के साथ कुछ लोगों द्वारा धमकाने के मामले का उल्लेख किया।

बुरी तरह से धमकाया गया

उन्होंने कहा कि कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता अधिकारी के कार्यालय पहुंचे और उन्हें बुरी तरह से धमकाया। एक अधिकारी के तबादले को लेकर दबाव बनाया जा रहा था। लोक निर्माण विभाग के अधिकारी के मुंह पर इन लोगों ने पानी का गिलास तक फेंका। उनका कहना था कि इस तरह की घटना पहली बार सामने आई, जोकि बहुत की दुर्भाग्यपूर्ण है।

जयराम ठाकुर ने भी उठाया मुद्दा

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी सदन में इस मामले पर अपनी बात रखी। उनका कहना था कि इस मामले को लेकर पुलिस दबाव पर भी दबाव था, जिसके चलते एफआईआर दर्ज नहीं होने दी जा रही थी। उन्होंने यहां तक उल्लेख किया कि इस तरह की घटना प्रदेश के कई अन्य स्थानों पर भी घटित हो रही हैं।

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