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CM सुक्खू की पत्रकारों से बातचीत, बोले- भाजपा सरकार में हुआ माइनिंग घोटाला, राजस्व को लगा 100 करोड़ का चूना

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार में माइनिंग घोटाला (Mining Scam) हुआ है और इस कारण प्रदेश के राजस्व को 100 करोड़ की चपत लगी है। सोमवार को मुख्यमंत्री सरकारी आवास ओकओवर में आयोजित हुए राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के तहत ई टैक्सी योजना के शुभारंभ अवसर के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही।

By Anil ThakurEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Mon, 20 Nov 2023 11:13 PM (IST)
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मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पूर्व भाजपा सरकार में माइनिंग घोटाला पर उठाए सवाल

जागरण संवाददाता, शिमला। CM Sukhu On Mining Scam: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू (CM Sukhu) ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार में माइनिंग घोटाला (Mining Scam) हुआ है। प्रदेश के राजस्व को 100 करोड़ की चपत लगी है। सोमवार को मुख्यमंत्री सरकारी आवास ओकओवर में राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के तहत ई टैक्सी योजना के शुभारंभ अवसर के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले 5 सालों से 63 स्टोन क्रेशर बिना लीज के चल रहे थे। इनके पास न तो माइनिंग की परमिशन थी न ही इन्होंने कोई रॉयल्टी उद्योग विभाग को दी। बिजली के बजाए जनरेटर से यह स्टोन क्रैशर चल रहे थे।

उद्योग मंत्री को दिए गए ये निर्देश 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मामला केवल ब्यास बेसिन पर चार जिलों में चल रहे स्टोन क्रशरों का है। राजस्व को इतना बड़ा नुकसान होने के बाद उन्होंने उद्योग मंत्री को निर्देश दिए हैं कि वह अन्य जिलों में भी इसकी जांच करें। जल्द ही इसकी विस्तृत रिपोर्ट आएगी।

जिन्होंने सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाया है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक आपदा आने के बाद सरकार ने स्टोन क्रशरों की जांच के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि ब्यास बेसिन जिसमें कुल्लू, मंडी, हमीरपुर और एक अन्य जिले की है इसमें 131 स्टोन क्रशर पाए गए।

63 स्टोन क्रेशर के पास लीज नहीं थी

63 स्टोन क्रेशर के पास लीज ही नहीं थी। पूर्व की भाजपा ससरकार ने आंखें मूंद कर रखी थी और बिना लीज के ही प्रदेश में स्टोन क्रशर चल रहे थे। यह मीनिंग का बहुत बड़ा घोटाला है। उन्होंने कहा कि जो क्रैशर बिना लीज के चल रहे थे इसकी भी विस्तृत जांच की जा रही है।

कब से ये बिना लीज के थे इनसे रॉयल्टी वसूली जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन स्टोन क्रेशर के पास लीज है उन्हें खोलने के निर्देश दे दिए गए हैं। जिनमें कुछ खामियां है उन्हें दूर कर शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

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आजादी के बाद का सबसे बड़ा व्यवस्था परिवर्तन

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में इंतकाल अदालतें लगाई गई थी। इसका काफी अच्छा रिस्पांस आया है। डिर्माकेशन, पार्टिशियन के मामलों को भी सुलझाया जाएगा। इसके लिए वर्षवार केस लाने को कहा गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देखने में आता था कि दादा के समय पार्टिशियन का केस आता था और पोते के समय में भी यह समाप्त नहीं होता था। अब ऐसा नहीं होगा। सरकार ने कानून में भी परिवर्तन किया है। इसमें लंबित मामलों की संख्या शुन्य की जाएगी।

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