हिमाचल में लगेगा टॉयलेट सीट टैक्स? सीएम सक्खू ने दी प्रतिक्रिया; पढ़िए क्या है सच्चाई
हिमाचल प्रदेश में टॉयलेट सीट टैक्स को लेकर चल रहे विवाद पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। सीएम ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे राजनीतिक लाभ के लिए बेबुनियाद बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष को इस तरह की बयानबाजी करने से परहेज करना चाहिए।
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल में 'टॉयलेट सीट टैक्स' को लेकर हो रहे विवाद के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का बयान सामने आया है। सीएम दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान हिमाचल प्रदेश में ‘टॉयलेट सीट टैक्स’ लगाए जाने के दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार का ऐसा कोई भी प्रस्ताव नहीं है।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस तरह की बेतुकी और आधारहीन बयानबाजी करने से परहेज किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है। इस तरह के मुद्दों को राजनीतिक लाभ लेने के लिए राजनीतिक रंग देने का प्रयास नहीं करना चाहिए, विशेषकर उस स्थिति में जब आरोप वास्तविकता से परे हों।
क्या है पूरा मामला?
हिमाचल में 'टॉयलेट सीट कर' के मामले को जहां एक तरफ सीएम ने खारिज कर दिया है, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इसको लेकर हमलावर है। इस बीच राज्य के जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा ने इस पूरे मामले को लेकर बातचीत की है।यह भी पढ़ें- 'मति भ्रष्ट हो गई है, जो टॉयलेट सीट तक पर लगा रहे टैक्स', जेपी नड्डा ने सुक्खू सरकार पर बोला हमला
उन्होंने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शुल्कों को लेकर 21 सितंबर 2024 को अधिसूचना जारी की गई थी। इस पर विस्तार से सब कुछ बताया गया था।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शुल्कों को लेकर 21 सितंबर 2024 को अधिसूचना जारी की गई थी। इस पर विस्तार से सब कुछ बताया गया था।
वापस ली गई अधिसूचना जारी
उन्होंने कहा कि जहां भी विभाग द्वारा सीवरेज लगाया गया है, वहां पानी के बिल का 30% सीवरेज शुल्क लिया जाएगा। लेकिन कुछ प्रतिष्ठान ऐसे थे, जहां उनकी अपनी जल प्रणाली थी, लेकिन वे विभाग के सीवरेज का इस्तेमाल करते थे, इसलिए टॉयलेट सीटों की संख्या के आधार पर सीवरेज शुल्क लगाने का फैसला किया गया था।
हालांकि, जैसे ही यह अधिसूचना जारी हुई और फाइल उपमुख्यमंत्री के पास पहुंची, उन्होंने कहा कि यह ठीक नहीं लगता। इसलिए इसे वापस ले लिया गया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।