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हिमाचल के सरकारी स्कूल में Mid-Day मील में शामिल होगा मोटा अनाज, राज्य कृषि विभाग ने भेजा प्रस्ताव

हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील में मोटे अनाज (मिलेट्स) को शामिल किया जाएगा। प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत यह फैसला लिया गया है। राज्य कृषि विभाग ने इसको लेकर शिक्षा विभाग को एक प्रस्ताव भेजा है। इसमें ज्वार बाजरा सांवा कोदा रागी मक्का कुट्टू और चौलाई से बनी चीजें मिड-डे मील में बच्चों को दी जाती थीं।

By Jagran NewsEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Fri, 06 Oct 2023 07:04 PM (IST)
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हिमाचल के सरकारी स्कूल में मिड-डे मील में शामिल होगा मोटा अनाज
अनिल ठाकुर, शिमला। Coarse Grains Will Include In Mid-Day Meal प्रदेश के सरकारी स्कूलों में प्रधानमंत्री पोषण योजना (Prime Minister Nutrition Scheme) के तहत मिड-डे मील में मोटे अनाज (मिलेट्स) को शामिल करने की तैयारी है। ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदा, रागी, मक्का, कुट्टू और चौलाई जैसे मोटे अनाज मिड-डे मील में शामिल हो सकते हैं। राज्य कृषि विभाग (Himachal Agriculture Department) ने इसको लेकर शिक्षा विभाग (Education Department) को एक प्रस्ताव भेजा है।

इस प्रस्ताव में कहा गया है कि मोटे अनाज आधुनिक सुपर फूड हैं। इनके सेवन के क्या लाभ हैं, तो इस बारे में भी विद्यार्थियों को बताया जाए। मिड-डे मील के अलावा स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालय के हॉस्टल मैस और अस्पतालों में भी इनके प्रयोग के लिए कृषि विभाग ने लिखा है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने मोटे अनाज की पैदावार को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इसके लिए सभी राज्यों को भी निर्देश दिए गए हैं।

कृषि मंत्री ने अधिकारियों संग की थी बैठक

प्रदेश के कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने हाल ही में इसको लेकर विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी। अधिकारियों ने कहा था कि वे इसके लिए प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। मंत्री ने विभाग को यह आइडिया दिया और इस पर जल्द काम करने को कहा। कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में इसके निर्देश दिए गए हैं। शिक्षा विभाग के साथ इस मामले को उठाया गया है।

अभी खिचड़ी, मौसमी सब्जियां परोसी जा रहीं

मिड-डे मील में बच्चों को अभी सप्ताह में सभी दिन अलग-अलग तरह का भोजन दिया जाता है। बच्चों को कुछ दिन दाल, खिचड़ी तो कुछ दिन मौसमी सब्जियां परोसी जाती हैं। यदि कृषि विभाग के प्रस्ताव को शिक्षा विभाग मानता है तो मिड-डे मील का मैन्यू ही बदल जाएगा।

प्रदेश के 10732 प्राइमरी स्कूलों के 3,06,639 विद्यार्थियों और अप्पर प्राइमरी के 4783 स्कूलों के 2,12,850 विद्यार्थियों को मिड-डे-मील दिया जाता है। प्री प्राइमरी कक्षाओं के 51000 बच्चों को भी मिड-डे-मील की सुविधा दी जा रही है।

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मिड-डे मील में मोटा अनाज होगा शामिल

कृषि विभाग ने शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेजा है। उन्होंने कहा कि छात्रों को मोटे अनाज के लाभ के बारे में बताया जाएगा और मिड-डे मील में मोटे अनाज को शामिल करने की हो रही तैयारी। वहीं मंत्री चंद्र कुमार ने बैठक में अधिकारियों को यह सुझाव दिया था कि 120 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत मिड-डे मील योजना के तहत शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए 120 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हुआ है। 90:10 के अनुपात में यह बजट केंद्र जारी करता है, यानी 90 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार जारी करती है। केंद्र ने इस वर्ष की किस्त रोकी हुई थी।

शिक्षा विभाग केंद्र से अतिरिक्त बजट की मांग करेगा

चार दिन पूर्व ही केंद्र ने 21.22 करोड़ रुपये की किस्त जारी की है। अभी कृषि विभाग ने मिड-डे मील में मोटे अनाज को शामिल करने का प्रस्ताव भेजा है। यदि शिक्षा विभाग इसे लागू करता है तो बजट में बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है, क्योंकि मोटे अनाज की कई किस्में हैं। कई अनाज सस्ते तो कुछ का दाम काफी अधिक है। चूंकि यह केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना है। ऐसे में शिक्षा विभाग योजना में बदलाव करने से पहले केंद्र से अतिरिक्त बजट की मांग करेगा।

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