हिमाचल में पहचान पत्र मामले में 'योगी' के नाम से चढ़ा कांग्रेस हाईकमान का पारा? विक्रमादित्य को क्या दी नसीहत
Himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश में विक्रमादित्य के रेहड़ी-पटरी वाले बयान से सियासत में मानो भूचाल आ गया था। अब मामला शांत हो गया। लेकिन इसके पीछे अभी भी एक सवाल है। क्या हाईकमान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फैसले से इसे जोड़ने पर नाराजगी जताई थी। दिल्ली में विक्रमादित्य सिंह ने आलाकमान से मुलाकात भी की थी।
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के दिल्ली से लौटने के बाद प्रदेश में खान-पान की दुकानों के बाहर पहचान पत्र लगाने के आदेश से जुड़ा विवाद शांत हो गया, लेकिन यह अपने पीछे एक बड़ा सवाल छोड़ गया।
विक्रमादित्य सिंह ने दिल्ली से लौटने के बाद कांग्रेस हाईकमान के नियमों का पालन करवाने के लिए वैसे तो पूरी तरह अपने मंत्री के साथ रहे। लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फैसले से इसे जोड़ने पर नाराजगी जताई है।
योगी आदित्यनाथ की भी तस्वीर की साझा
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते सप्ताह खान-पान की दुकानों की पहचान उजागर करने का आदेश जारी किया था। इसके बाद हिमाचल में भी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने एक्स हैंडल पर इसी तरह का आदेश खान-पान की दुकानों के लिए जारी किया था।उन्होंने पोस्ट में योगी आदित्यनाथ की तस्वीर भी साझा की थी। विक्रमादित्य ने दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संगठन महासचिव से मुलाकात की थी।
विक्रमादित्य को दी पार्टी लाइन से बाहर न जाने की नसीहत
इसमें उन्हें पार्टी लाइन से बाहर न जाने की बात कही गई। शिमला लौटने के बाद मंत्री ने स्थिति साफ करते हुए कहा कि हाईकमान को इसे अन्य राज्यों से जोड़ने पर आपत्ति थी। इससे मामला शांत तो हो गया। लेकिन योगी आदित्यनाथ से जोड़ने पर इतनी ज्यादा आपत्ति क्यों है, यह खुद में बड़ा सवाल है।राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस नेता या सरकार के मंत्री विरोधी पार्टी के नेता के साथ योजना को जोड़ें तो हाईकमान इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं है। जब मंत्री विक्रमादित्य ने अपना बयान वापस लिया तो हिमाचल में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी घेरने में कसर नहीं छोड़ी।
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