Sanjauli Masjid News: संजौली में अवैध मस्जिद पर होगी कार्रवाई, विक्रमादित्य सिंह बोले- मामले को न दें तूल
शिमला Himachal News के उपनगर संजौली में अवैध रूप से बनी मस्जिद पर कानूनी कार्रवाई होगी। शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विधानसभा में कहा कि मस्जिद के पुनर्निर्माण के लिए कोई स्वीकृति नहीं ली गई थी। साथ ही उन्होंने सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों से इस मामले को तूल न देने का आग्रह किया ताकि सांप्रदायिक सद्भाव बना रहे।
राज्य ब्यूरो, जागरण, शिमला। शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण पर कानून अनुसार कार्रवाई होगी। मस्जिद में अवैध निर्माण का मामला नगर निगम शिमला की आयुक्त की अदालत में वर्ष 2010 से विचाराधीन है और इस पर फैसला आते ही फैसले के अनुसार कार्रवाई होगी।
शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा के चौपाल से विधायक बलवीर वर्मा द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब देते हुए सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों से इस मामले को तूल न देने काे कहा जिससे सांप्रदायिक सद्भाव बना रहे।
उन्होंने बताया कि मस्जिद का पुनर्निर्माण बिना किसी स्वीकृति के किया गया है। अवैध निर्माण का मामला नगर निगम शिमला के आयुक्त की अदालत में वर्ष 2010 से विचाराधीन है और 7 सितंबर को अभी सुनवाई है। उधर मल्याणा में हुए मारपीट के मामले में पुलिस कार्रवाई कर रही है जिसमें सात लोगों की संलिप्तता पाई गई है।
इससे पूर्व विधायक बलबीर वर्मा ने मामला उठाते हुए कहा कि संजौली में अवैध रूप से बनी मस्जिद की चार मंजिलों को तुरंत गिराया जाए और मस्जिद में सारी गतिविधियों पर रोक लगाई जाए ताकि मस्जिद के आस-पास रह रहे अन्य धर्मों के लोगों की भावनाएं आहत न हों। मस्जिद में अवैध रूप से हुए निर्माण और अन्य गतिविधियों का संजौली के निवासियों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विरोध किया है।
चर्चा के दौरान शिमला शहरी कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा और ग्रामीण विकास मंत्री व कसुंपटी के विधायक अनिरुद्ध सिंह के बीच एक-दूसरे के क्षेत्र में दखल देने को लेकर तंज कसे। इस दौरान कई बार विपक्ष के विधायकों ने मेज थपथपा अनिरुद्ध का समर्थन किया। अनिरुद्ध ने हरीश जनारथा की दलीलों को नकारते हुए कहा कि संजौली में मस्जिद जिस जमीन पर बनी है राजस्व विभाग मालिक है।
संजौली में बिना अनुमति छह हजार वर्गमीटर में पांच मंजिला मस्जिद बना दी गई, लेकिन इसे तोड़ा नहीं गया और क्यों इनका बिजली पानी का क्नेक्शन नहीं काटा गया। हरीश जनारथा ने शिमला में सिर्फ 190 मुस्लिम तहबाजारी पंजीकृत होने का दावा किया, जबकि इनकी संख्या 1900 से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि शिमला में सिर्फ हिमाचली बोनाफाइड लोगों को ही तहबाजारी की इजाजत होनी चाहिए और बाहरी लोगों को दी गई सारी अनुमतियां रद्द की जानी चाहिए।
शिमला शहरी विधायक हरीश जनारथा ने मस्जिद के कारण किसी भी तरह के तनाव से इनकार किया और कहा कि यह मस्जिद 1960 से पहले की है। उन्होंने यह भी कहा कि यह मस्जिद वक्फ बोर्ड की जमीन पर बनी है। इसमें बाहरी राज्यों के ही नहीं, बल्कि स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोग भी रहते हैं।उन्होंने कहा कि मस्जिद के साथ अवैध रूप से बनाए गए शौचालयों को हटाया गया है। इस मामले पर कुछ लोगों पर जबरन सनसनी फैलाने का आरोप लगाया। कानून के अनुसार कार्रवाई हो।
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