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हिमाचल में बढ़ रहे अपराध, लगाम कसने के लिए प्रवासी मजदूरों का पंजीकरण आवश्यक : डीएसपी

शिमला में बागवानों के पास काम करने वाले मजदूरों का स्थानीय पुलिस स्टेशन में पंजीकरण जरूरी है। आए दिन ये मजदूर लोगों के घरों में लूटपाट एवं हत्या जैसे अपराधों को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। पुलिस की ओर से लगातार यह अपील की जाती है कि आप अपने बगीचों व अन्य कामों में लगे इन प्रवासी मजदूरों का पंजीकरण अवश्य करें लेकिन लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Wed, 04 Oct 2023 10:21 PM (IST)
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अपराध पर लगाम कसने के लिए प्रवासी मजदूरों का पंजीकरण आवश्यक

संवाद सूत्र, रोहडू। ऊपरी शिमला में बागवानों एवं ठेकेदारों के पास काम करने वाले प्रवासी मजदूरों (Migrant Labour) का स्थानीय पुलिस स्टेशन में पंजीकरण जरूरी है। आए दिन ये मजदूर लोगों के घरों में लूटपाट एवं हत्या जैसे अपराधों को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। पुलिस की ओर से लगातार यह अपील की जाती है कि आप अपने बगीचों व अन्य कामों में लगे इन प्रवासी मजदूरों का पंजीकरण अवश्य करें, लेकिन लोग इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप इन मजदूरों के ऐसे अपराधों में संलिप्त होने के मामले प्रकाश में आते हैं।

मजदूर की हरकतों को तुरंत संज्ञान में लाया जाना जरूरी

यह बात डीएसपी रोहडू रविंद्र नेगी ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कही। उन्होंने बताया कि पुलिस थाना में किसी भी अनजान प्रवासी मजदूर का पंजीकरण होने से पुलिस उस व्यक्ति के पुराने चाल चलन व क्राइम रिकार्ड की छानबीन कर सकती है। इसके साथ ही आपके आसपास रह रहे किसी प्रवासी मजदूर की हरकतों को भी तुरंत पुलिस के संज्ञान में लाया जाना जरूरी है। ऐसे में अपराध प्रवृति के लोगों को समय रहते शिकंजा कसा जा सकता है। वहीं अगर वे अपराध कर भागने तक की हिमाकत करते है तो उन्हें खोजने में पुलिस को सहायता मिल सकती है।

प्रवासी मजदूर की आपराधिक गतिविधियां

उन्होंने बताया कि हाल ही जुब्बल तहसील के मंढोल गांव में लूटपाट के दौरान एक महिला की हत्या के बाद यह बात सामने आई है कि अपराधी कुछ दिन पहले से ही नशे की हालात में हुड़दंग मचाता रहा। उसका आपराधिक चेहरा पहले ही लोगों के सामने आ गया था, लेकिन उसकी उपद्रवी गतिविधियों को नजरअंदाज करने का खामियाजा भुगतना पड़ा है। गनीमत रही कि स्थानीय लोगों की सहायता से उसे समय रहते काबू किया जा सका।

डीएसपी रोहडू ने बताया कि देखने में आया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बागवान मजदूरों को अपने घरों में रखकर उनसे साथ अच्छा मेलजोल बनाते है। इस दौरान वे अपने संपत्ति व घर-बार का सारा भेद बता देते हैं। उसके बाद यही लोग घरों में लूटपाट को अंजाम देते हैं। इसलिए जरूरी है कि ऐसे लोगों को उनके काम तक रही रखें, ताकि उनसे किसी प्रकार की आपराधिक कृत्यों से बचा जा सके।

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