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Himachal News: हिमाचल में बादल फटने से मृतकों की संख्या 22 हुई, लापता 30 लोगों की तलाश जारी

हिमाचल प्रदेश के शिमला कुल्लू और मंडी जिलों में 31 जुलाई की मध्य रात्रि को बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 30 से अधिक लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान जारी है। पुलिस ने बताया कि 22 शवों में से छह शव बुधवार को बरामद किए गए। इनमें चार शव शिमला में और दो कुल्लू में बरामद हुए।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Thu, 08 Aug 2024 02:30 AM (IST)
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हिमाचल में बादल फटने से मृतकों की संख्या 22 हुई
 पीटीआई, शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों में 31 जुलाई की मध्य रात्रि को बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 30 से अधिक लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान जारी है। वहीं कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा, मंडी के पधर और शिमला के रामपुर में अचानक बाढ़ आने की खबर है।

सबसे अधिक प्रभावित रामपुर उपमंडल के सरपारा पंचायत के अंतर्गत आने वाला समेज गांव है। यहां लगभग 25 लोग लापता हैं। अधिकारियों ने बताया कि मंडी के राजभान गांव से नौ शव बरामद किए गए हैं, कुल्लू जिले के निरमंड और बागीपुल से तीन शव तथा शिमला जिले के समेज और धड़कोल, ब्रो और सुन्नी बांध के आसपास के इलाकों से 10 शव बरामद किए गए हैं।

शवों की पहचान के लिए डीएनए सैंपल लिए जा रहे

पुलिस ने बताया कि कुल 22 शवों में से छह शव बुधवार को बरामद किए गए। इनमें चार शव शिमला में और दो कुल्लू में बरामद हुए। अब तक 12 शवों की पहचान हो चुकी है और बाकी शवों की पहचान के लिए डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार लगभग 85 किलोमीटर क्षेत्र में तलाशी अभियान चल रहा है।

राज्य के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बुधवार को कहा कि और शव मिलने की संभावना कम है क्योंकि बह गए क्षेत्र में पहले ही तलाशी अभियान चलाया जा चुका है। वहीं लापता हुए लगभग 30 लोगों के परिवार के सदस्यों की उम्मीदें टूटने लगी हैं, क्योंकि लगातार बारिश के बीच तलाशी और बचाव अभियान को बुधवार को सात दिन हो गए।

समेज गांव में चल रहे अभियान के बारे में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के सहायक कमांडिंग अधिकारी करम सिंह ने कहा कि बारिश हो रही है, लेकिन संयुक्त खोज और बचाव अभियान जारी है।

सतलुज नदी में जलस्तर बढ़ रहा है

करम सिंह ने कहा कि सतलुज नदी में जलस्तर बढ़ रहा है और कई स्थानों पर भूस्खलन भी हो रहा है। सड़कों को साफ करने के लिए जेसीबी और अन्य मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। हमारे सैनिक कुशल हैं और रस्सियों के जरिए नदी पार कर उन जगहों पर तलाश कर रहे हैं जहां लापता लोगों के मिलने की संभावना है। समेज शिमला जिले के रामपुर उपमंडल में सरपारा पंचायत के अंतर्गत आता है और कुल्लू जिले की सीमा से लगा हुआ है।

लोगों की तलाश में कार्य जारी

लापता लोगों के परिजन पिछले सात दिनों से घटनास्थल पर डेरा डाले हुए हैं। जैसे-जैसे दिन बीतता जा रहा है उनकी उम्मीद कम होती जा रही है। अब वे अंतिम संस्कार करने के लिए शवों की बरामदगी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। मोती राम नाम के एक व्यक्ति ने कहा कि मेरा भाई, दो महिला रिश्तेदार, पुत्रवधू, भतीजे और भतीजी सहित पूरा परिवार लापता है। मोतीराम की एक पुत्रवधू और पोता इस दुर्घटना के समय घर से बाहर थे इसलिए वे बच गए।

इस बीच स्थानीय मौसम कार्यालय ने बुधवार और शनिवार को राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश, आंधी और बिजली गिरने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने यह भी कहा कि अगले पांच से छह दिनों में मानसून की गतिविधियां तेज होने की संभावना है और बड़े पैमाने पर बारिश हो सकती है।

हिमाचल के कई हिस्सों में 100 से अधिक सड़कें बंद, 10 अगस्त को भारी बारिश का अनुमान

हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ और राज्य में 100 से अधिक सड़कें बंद हो गईं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। मौसम विभाग ने 10 अगस्त को राज्य के अलग-अलग स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश, गरज के साथ छींटे पड़ने और बिजली गिरने का ‘ऑरेन्ज अलर्ट’ जारी किया है।

हिमाचल में कुल 109 सड़कें बंद

मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में कांगड़ा, सिरमौर, चंबा, शिमला, कुल्लू, किन्नौर, सोलन और मंडी जिलों के अलग-अलग हिस्सों में हल्की से मध्यम स्तर की बाढ़ की चेतावनी भी दी है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार मंडी में 37, शिमला में 29, कुल्लू में 26, कांगड़ा में छह, किन्नौर और लाहौल-स्पीति में चार-चार, सिरमौर में दो और हमीरपुर में एक सहित कुल 109 सड़कें बंद हैं।

अगले पांच से छह दिनों के लिए अलर्ट जारी

अगले पांच से छह दिनों के दौरान मानसून की गतिविधि की तीव्रता और प्रभाव क्षेत्र में वृद्धि होने की आशंका है। मौसम विभाग ने कुछ स्थानों पर भूस्खलन और अचानक बाढ़ की आशंका के बारे में भी चेतावनी दी है। विभाग ने निचले इलाकों में तेज हवाओं और जलभराव के कारण बागानों, फसलों, कमजोर संरचनाओं और कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचने की भी आशंका जताई है।

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