Shimla: 'धरना दो और सैलरी लो है नई व्यवस्था परिवर्तन', जयराम बोले- सरकार अपनी नाकामियों का ठीकरा विपक्ष पर फोड़ना करे बंद
हिमाचल प्रदेश सरकार को विपक्ष को कोसने के बजाय प्रदेश के विकास पर स्वयं को फोकस करना चाहिए। अब सरकार को विपक्ष की कमियां नहीं बल्कि अपनी उपलब्धियां बतानी चाहिए। व्यवस्था परिवर्तन में आज ऐसे स्थिति है कि ‘धरना दो और वेतन लो’। क्या इसी तरह की व्यवस्था परिवर्तन की बात शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी।
जागरण संवाददाता, शिमला। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार बने अब एक साल से भी ज्यादा का समय हो गया है। सरकार को विपक्ष को कोसने के बजाय प्रदेश के विकास पर स्वयं को फोकस करना चाहिए। अब सरकार को विपक्ष की कमियां नहीं बल्कि अपनी उपलब्धियां बतानी चाहिए।
विपक्ष को कोसने से नहीं, विकास कार्यों को गति देने से प्रदेश का भला होगा। इसलिए सरकार अपनी नाकामी का ठीकरा विपक्ष पर फोड़ने के बजाय अपने नेताओं द्वारा किए गये चुनावी वादों के भाषणों को को फिर से सुने और घोषणापत्र को फिर से पढ़े और उन्हें पूरा करे। प्रेस को जारी ब्यान में जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने व्यवस्था का मजाक बना रखा है।
प्रदेश में की जा रही अराजकता फैलाने की कोशिश- जयराम
व्यवस्था परिवर्तन में आज ऐसे स्थिति है कि ‘धरना दो और वेतन लो’। क्या इसी तरह की व्यवस्था परिवर्तन की बात शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी। प्रदेश में अराजकता फैलाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि आए दिन लोगों को परेशान किए जाने की खबरें ही सरकार की नाकामी की वजह से सामने आ रही हैं। महंगाई बढ़ाने से लेकर पूर्व सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं को छिनने के अलावा और कोई भी काम इस सरकार द्वारा नहीं किया गया है।यह भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती में नया बदलाव, अब हर जवान को दी जाएगी कमांडो ट्रेनिंग; डोप टेस्ट हुआ आवश्यक
व्यवस्था परिवर्तन का नजारा
आज भी यही क्रम जारी है। कभी बिजली बोर्ड तो कभी परिवहन निगम के कर्मचारी अपने वेतन की मांग के लिए सड़कों पर उतरते हैं तो कभी धरना देने की धमकी देते हैं। प्रदेश को इस तरह का व्यवस्था परिवर्तन नहीं चाहिए जो काम के बदले वेतन भी नहीं दे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन का एक और नजारा वर्तमान कांग्रेस सरकार में देखने को मिल रहा है।मंत्रियों के पद खाली रखकर की गई सीपीएस की नियुक्तियां की गई
मंत्रियों के पद खाली रखकर सीपीएस की नियुक्तियां की गई हैं। एक साल तक आपसी रार में सरकार निर्धारित संख्या में मंत्री तक नहीं बना पाई। अब जब एक साल बाद मंत्री बना दिया तो उन्हें पोर्टफोलियो नहीं दे पा रही है। दो मंत्री बिना किसी पोर्टफोलिया के ही चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने एक साल बाद मंत्री बना दिया है तो शपथ ग्रहण के महीनें भर के भीतर उन्हें विभाग भी दे दे। जिससे विभागों के काम आगे बढ़ सकें।
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