हिमाचल में दौड़ेंगी ई-बसें, CM सुक्खू ने HRTC के लिए किए कई बड़े वादे; कहा- बस खरीदने के लिए निगम की करेंगे मदद
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एचआरटीसी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए दिवाली से पहले बड़ा एलान किया है। 28 अक्टूबर को ही वेतन और पेंशन का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा चालक-परिचालकों के लंबित रात्रि भत्ते का भुगतान भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों और पेंशनरों के चिकित्सा बिलों की अदायगी के लिए भी 9 करोड़ रुपये जारी करने की घोषणा की है।
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) कर्मचारियों व पेंशनरों को 28 अक्टूबर को ही वेतन व पेंशन की अदायगी करेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एचआरटीसी के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम के मौके पर इसकी घोषणा की।
निगम कर्मचारियों के लिए दिवाली से पहले मुख्मयंत्री ने कई बड़े एलान किए। चालक परिचालकों का 55 महीनों से लंबित रात्री भत्ता (नाइट ओवर टाइम) के भुगतान 31 मार्च 2025 तक कर दिया जाएगा। इसके लिए 50 करोड़ की ग्रांट जारी करने की घोषणा की।
रात्री भत्ता की 97 करोड़ की देनदारी बाकी
सरकार दिसंबर महीने से इसकी अदायगी कर देगी। 31 मार्च तक कुछ पैसा एचआरटीसी से भी लेकर पूरी अदायगी कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नाइट ओवर टाइम की कुल देनदारी 97 करोड़ की है, यह पूर्व सरकार के समय से लंबित है।मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों व पेंशनरों का चिकित्सा बिलों की अदायगी (मेडिकल रिंबर्समेंट) के लिए 9 करोड़ जारी करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह राशि एकमुश्त जारी की जाएगी, ताकि दो महीने में लंबित देनदारी को चुकता किया जा सके। पीटरहॉफ में निगम के 50 वर्ष पूरा होने पर स्वर्ण जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
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1500 ई-बसें और हाईड्रोजन बसें होगी शामिल
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में एचआरटीसी की डीजल बसों को बदलकर ई-बसों को शामिल किया जाएगा। सरकार 1500 ईलेक्ट्रिकल बसों की खरीद के लिए निगम को वित्तीय मदद करेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में बस अड्डों का निर्माण सरकार द्वारा किया जाएगा और एचआरटीसी को वहां पर बसें खड़ी करने के लिए किराया देना होगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देखना होगा कि आखिर एचआरटीसी को नुकसान कहां हो रहा है। अधिकारी इस संबंध में बैठकर बातचीत करेंगे और कमियों को दूर करने के लिए आने वाले दिनों में सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे, ताकि एचआरटीसी आत्मनिर्भर हो और उसे सरकार से मांगने की जरूरत न पड़े। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी सामाजिक दायित्वों की पूर्ति करती है, जिसके लिए सरकार हर साल 720 करोड़ रुपये का अनुदान उसे दे रही है।
जो पैसा निगम कमाता है, उसे सरकार नहीं मांगती लेकिन कहीं तो व्यवस्था परिवर्तन करना ही होगा। उन्होंने कहा कि ग्रीन एचआरटीसी बनाने पर जोर दिया जा रहा है। 327 बसों की खरीद के लिए पैसा दिया गया है। वहीं, 500 और ईलेक्ट्रिक बसों की खरीद की जाएगी। 2026 तक इसके बेड़े को पूरी तरह से ईलेक्ट्रिक वाहनों में तबदील कर दिया जाएगा। इसके बाद सरकार ग्रीन हाइड्रोजन की तरफ बढ़ रही है, जिसके पहले प्रोजेक्ट का शिलान्यास वह अगले महीने करेंगे। 8 महीनों में उत्पादन शुरू हो जाएगा, जिसका खर्च 14 से 15 रुपये प्रति किलो आएगा।
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