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Shimla News: छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर ईडी का बड़ा एक्शन, 10.7 करोड़ की चल-अचल संपत्ति कुर्क करने के आदेश

हिमाचल प्रदेश में बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। इसके चलते ईडी ने आरोपियों की 10.7 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति को कुर्क करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मनी लांड्रिंग की जांच शुरू कर दी है। दरअसल कुछ संस्थानों में छात्रों के विवरणों को सत्यापित करके धोखाधड़ी से छात्रवृत्ति राशि प्राप्त की गई।

By Yadvinder Sharma Edited By: Deepak Saxena Updated: Wed, 28 Feb 2024 08:12 PM (IST)
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छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर ईडी का बड़ा एक्शन।
राज्य ब्यूरो, शिमला। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर 10.7 करोड़ की चल-अचल संपत्ति कुर्क करने के आदेश जारी किए हैं। ईडी को एससी, एसटी और ओबीसी के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत उच्च शिक्षा निदेशालय शिमला द्वारा छात्रवृत्ति के वितरण में अनियमितता की जानकारी मिली। केंद्रीय जांच ब्यूरो, शिमला द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लांन्ड्रिंग जांच शुरू की गई।

ईडी जांच में कई पाए गए दोषी

प्रवर्तन निदेशालय ने 21 अक्टूबर 2023 को विशेष न्यायालय शिमला के समक्ष केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस नवांशहर, पंजाब और पांडोगा, ऊना हिमाचल प्रदेश के खिलाफ अभियोजन शिकायत (पीसी) दायर की। इस मामले में एएसएएमएस शिक्षा समूह, कौशल विकास सोसायटी, कौशल विकास विद्यालय, इन संस्थानों से जुड़े व्यक्ति, उच्च शिक्षा निदेशालय शिमला के अधिकारी और बैंक अधिकारी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत धोखाधड़ी से छात्रवृत्ति प्राप्त करने की अवैध गतिविधि में शामिल पाए गए।

छात्रवृत्ति पोर्टल में पाई गई धोखाधड़ी

ईडी की जांच में पाया गया कि इन संस्थानों ने उन छात्रों के विवरणों को सत्यापित करके धोखाधड़ी से छात्रवृत्ति राशि प्राप्त की थी, जो इन संस्थानों के साथ किसी भी पाठ्यक्रम में नामांकित नहीं थे और जिन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी किए बिना संस्थान छोड़ दिया। इसके अलावा धोखाधड़ी से छात्रवृत्ति निधि की अधिक राशि प्राप्त करने के लिए, छात्रों के गलत विवरण छात्रवृत्ति पोर्टल पर अपलोड किए गए थे।

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साल 2023 में हुई थी कई गिरफ्तारी

बाद के वर्षों में छात्रों का पाठ्यक्रम बदला,बाद के वर्षों में छात्रों की जाति श्रेणी को बदलकर छात्रों को डे स्कॉलर के बजाय हॉस्टलर के रूप में दिखाकर और दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रमों के लिए फर्जी पाठ्यक्रम शुल्क संरचना का दावा करके आरोपी व्यक्ति द्वारा इस प्रकार प्राप्त अपराध की आय का उपयोग किया गया। इसके साथ ही नाम पर और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर चल और अचल संपत्ति हासिल करने के लिए किया गया था। इस मामले में हितेश गांधी, राजदीप सिंह, कृष्ण कुमार और अरविंद राजटा को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 30 अगस्त 2023 को गिरफ्तार किया गया था।

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