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Shimla News: परिवहन निगम सहित अन्य निगमों की तर्ज पर चाहिए विद्युत बोर्ड कर्मचारियों को ओपीएस, उप समिति का किया गठन

Shimla News राज्य विद्युत बोर्ड के कर्मचारियों (Electricity Board Employees) को ओपीएस के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। इसके पीछे कारण ये है कि विद्युत बोर्ड की सर्विस कमेटी को इस संबंध में पहले निर्णय लेना है और उसके बाद ओपीएस देने का मामला सरकार के पास जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की व्यस्तताओं को देखते हुए महाधिवेशन को टाल दिया गया है।

By Parkash BhardwajEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Sun, 22 Oct 2023 07:55 PM (IST)
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परिवहन निगम सहित अन्य निगमों की तर्ज पर चाहिए विद्युत बोर्ड कर्मचारियों को ओपीएस।
राज्य ब्यूरो, शिमला। राज्य विद्युत बोर्ड के कर्मचारियों को ओपीएस के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। इसके पीछे कारण ये है कि विद्युत बोर्ड की सर्विस कमेटी को इस संबंध में पहले निर्णय लेना है और उसके बाद ओपीएस देने का मामला सरकार के पास जाएगा। राज्य विद्युत बोर्ड प्रबंधन ने ओपीएस पर औपचारिकताएं पूरी करने के लिए एक उप-समिति का गठन किया है और उप-समिति की रिपोर्ट आने के बाद ओपीएस देने का विषय एक कदम आगे बढ़ेगा।

विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने इस माह के अंत में शिमला में महाधिवेशन आयोजित करने का कार्यक्रम घोषित किया था, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की व्यस्तताओं को देखते हुए महाधिवेशन को टाल दिया गया है। ऐसे में राज्य विद्युत बोर्ड के कर्मचारियों को ओपीएस की घोषणा होने में कुछ माह और इंतजार करना पड़ सकता है।

परिवहन निगम और अन्य निगमों की तर्ज पर चाहिए ओपीएस

राज्य विद्युत बोर्ड के कर्मचारी प्रदेश सरकार के दूसरे कर्मियों की तर्ज पर ओपीएस बहाली की मांग कर रहे हैं। परिवहन निगम के साथ-साथ कुछ अन्य निगमों व बोर्डों में ओपीएस बहाल होने के बाद से राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने ओपीएस बहाली को लेकर प्रबंधन पर दबाव बनाना शुरू किया है। मुख्यमंत्री सुक्खू भी पहले ही बोर्ड में ओपीएस बहाली की घोषणा कर चुके हैं।

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मगर ओपीएस बहाली से पहले विद्युत बोर्ड की सर्विस कमेटी में फैसला होना है। बताया जा रहा है कि विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने सर्विस कमेटी की बैठक बुलाने बारे निवर्तमान वित्त सचिव मनीष गर्ग से चर्चा भी कर ली थी। मगर बीते दिनों सरकार ने गर्ग से वित्त विभाग का कार्यभार वापस लिया है। अब यूनियन को भी नए सिरे से योजना करनी होगी।

एनपीएस अंशदान बना 4.25 करोड़

बिजली बोर्ड में 2003 के बाद करीब 6600 कर्मियों की भर्ती हुई। इनमें से दस साल की सेवा पूरी करने के बाद 137 कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं। इनकी पेंशन का खर्च प्रतिमाह करीब 43 लाख रुपये होगा। इसके अलावा 6400 कर्मियों का एनपीएस में अंशदान में सरकार की हिस्सेदारी करीब सवा चार करोड़ प्रतिमाह बनती है। सरकार द्वारा सवा चार करोड़ की रकम के कापर्स फंड बनाए जाने की स्थिति में भी इस कोष से सेवानिर्वत कर्मियों को पेंशन दी जा सकती है।

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