Move to Jagran APP

Himachal Apple: सेब बागवानों पर मौसम की मार, शिमला की मंडियों में पिछले साल के मुकाबले 50 फीसदी कम कारोबार

Himachal Apple हिमाचल प्रदेश में मौसम की मार से सेब बागवानों पर बुरा असर दिखाई दे रहा है। शिमला की मंडियों में पिछले साल के मुकाबले 50 फीसदी कारोबार कम हो गया है। आंधी तूफान और ओलावृष्टि समेत कई प्रकार की मुसीबतें पैदा हो गई है। इसके कारण शिमला जिला में सेब का उत्पादन घट रहा है। वहीं सेब के दामों में ज्यादा फर्क नहीं आया है।

By Rohit Sharma Edited By: Himani Sharma Updated: Fri, 02 Aug 2024 04:10 PM (IST)
Hero Image
Himachal Apple Season: शिमला में घटा सेब कारोबार
रोहित शर्मा, शिमला। Himachal Apple: शिमला जिला में वर्ष 2023 के मुकाबले अभी तक मंडियों में सेब की पेटियां 50 फीसदी कम पहुंची है। पिछले वर्ष जहां पहली अगस्त तक मंडियों में करीब 8 लाख तक पेटियां मंडियों में पहुंच चुकी थी, तो वहीं इस वर्ष अभी तक 4 लाख 12 हजार पेटियों का कारोबार हुआ है। इसमें 2,82,585 पेटियों का कारोबार एपीएमसी की सेब मंडियों में हुआ हैं, जबकि 1,30,341 पेटियों का कारोबार एपीएमसी के मार्केटिंग यार्ड के बाहर हुआ है।

20 किलों की सभी पेटियां

मार्केटिंग बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक यह सभी पेटियां 20 किलो की है। इस वर्ष पहली अगस्त को शिमला जिला में 33,612 पेटियों का कारोबार हुआ, जबकि 2023 में इसी तिथि को सेब का कारोबार दोगुना था। पिछले वर्ष पहली अगस्त को शिमला जिला में 68 हजार पेटियों का का कारोबार हुआ था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शिमला जिला में इस बार भी सेब का कारोबार काफी कम है।

सेब उत्‍पादन के पीछे कई कारण

बागवानों की माने तो शिमला जिला में घटते सेब उत्पादन के पीछे कई कारण है। मुख्य रूप से बदलता मौसम इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। गर्मियों के दिनों में जहां सूखे की स्थिति पैदा हो जाती हैं, तो वहीं सर्दियों में बर्फबारी नहीं हो रही है। वहीं मार्च अप्रैल में जब सेब की फसल में फूल खिलने की प्रक्रिया शुरू होती है, तो आंधी तूफान और ओलावृष्टि समेत कई प्रकार की मुसीबतें पैदा हो गई है। इसके कारण शिमला जिला में सेब का उत्पादन घट रहा है।

यह भी पढ़ें: Himachal Cloud Burst: हिमाचल में कुदरत का कहर, 49 लोग अभी भी लापता; CM ने समेज पहुंचकर जाना प्रभावितों का हालचाल

सेब के दाम में ज्यादा फर्क नहीं

2023 के मुकाबले इस वर्ष जहां शिमला जिला में सेब का कारोबार लगभग 50 प्रतिशत कम हुआ हैं तो वहीं सेब के दामों में ज्यादा फर्क नहीं आया है। पिछले वर्ष भी बागवानों को सेब का 300 रुपए से 4300 रुपए तक दाम मिला था, तो वहीं इस वर्ष अभी तक बागवानों को 300 रुपए से 4000 हजार रुपए का दाम मिला है। खासबात यह है कि पिछले वर्ष वजन के आधार पर टेलीस्कोपिक कार्टन में सेब बिका था, तो वहीं दूसरी ओर से इस वर्ष सिर्फ यूनिवर्सल कार्टन में ही सेब की बिक्री हो रही है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।