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Himachal Monsoon: शिमला में बारिश का कहर, चमियाणा में मलबे में दबे छह वाहन; पहली बरसात ने ही खोली दी प्रशासन की पोल

Himachal Monsoon हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बारिश का कहर देखने को मिला। शिमला के चमियाणा में मलबे में छह वाहन दब गए। पहली बरसात ने ही प्रशासन की पोल खोलकर रख दी है। वहीं भट्टाकुफर में भूस्खलन से सड़क किनारे पार्क एक कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। मिनी कुफ्टाधार का रास्ता मलबा आने से नाले में तब्दील हो गया।

By rohit nagpal Edited By: Himani Sharma Updated: Fri, 28 Jun 2024 04:22 PM (IST)
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पहली बारिश ने हिमाचल की राजधानी में मचाया कहर
जागरण संवाददाता, शिमला। राजधानी शिमला में पहली बरसात में नगर निगम की तैयारी की पूरी पोल खोल दी है। शहर की अधिकतम नालों में मलबा फंसा होने के कारण पानी सड़कों में बहता रहा।

कई जगहों पर लोगों के घरों में पानी घुसने की नौबत आ गई थी। मल्याणा व चमियाणा में चूरट नाले के मलबे के कारण तीन गाड़ियां पूरी तरह से मलबे में फंस गई हैं। एक जगह भूस्खलन होने के कारण गाड़ियों को भारी नुकसान हुआ है।

शिमला के इन जिलों में नहीं हुआ ज्‍यादा नुकसान

राजधानी शिमला के कृष्णानगर और रुलदूभट्टा में कोई ज्यादा नुकसान पहली बारिश में नहीं हुआ। हालांकि शहर के अन्य हिस्सों में सड़कों पर मलबा आने के कारण लोगों को पहली बरसात ही डराने लगी रही। शहर में मानसून की पहली बारिश में ही कैथू, छोटा शिमला में नाले हुए ब्लॉक आने जाने वाले लोगों के लिए परेशानी बन रही थी। बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन होने से रेलिंग भी गिरने की कगार पर पहुंच गई हैं।

रेलिंग्स टूटने से स्‍कूली बच्‍चों पर मंडराया खतरा

रेलिंग्स टूटने के कारण स्कूली बच्चों के भी गिरने की आशंका बनी रहेगी। इसके कारण स्कूल आने में आई बाढ़ के कारण दबी लोगों की गाड़ियां। जागरण जाने वाले बच्चों को चोट लगने का खतरा उनके अभिभावकों को भी सताएगा। रात के समय आने वाले लोगों को गिरने का खतरा सता रहा है।

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ऐसी जगह को ठीक करने की मांग भी स्थानीय लोगों के समक्ष मांग उठाने लगे हैं। जिला प्रशासन ने आम लोगों से वाहन सुरक्षित तरीके से चलाने व चलाने वाले लोग फोन का उपयोग चलते समय न करें । ऐसा करने पर कोई भी घटना घटने की संभावना है । साथ ही सैलानियों से भी पहाडिय़ों पर न जाने का आग्रह किया है।

मल्याणा, चमियाणा भट्टाकुफर में मलबे से भारी नुकसान

शहर के मल्याणा, चमियाना, भट्ठाकुफर, मिनी कुफ्टाधार सहित अन्य स्थानों पर भारी नुकसान हुआ है। चमियाना में नाले के पास खड़ी तीन गाड़ियां मलबे में दब गईं। मल्याणा में पहाड़ी से बड़ी-बड़ी चट्टानें सड़क किनारे पार्क चार गाड़ियों पर गिर गईं। इससे दो गाड़ियां चकनाचूर हो गईं।

भट्टाकुफर में भूस्खलन से सड़क किनारे पार्क एक कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। मिनी कुफ्टाधार का रास्ता मलबा आने से नाले में तब्दील हो गया। शहर की ईदगाह कालोनी में भी नुकसान हुआ है। डंगा गिरने से रास्ता बंद हो गया है। पगोग सड़क पर आए पत्थर और मलबा आने से आवाजाही प्रभावित रही। जुन्गा रोड पर बारिश का पानी घरों में घुस गया। खलीनी में भी भूस्खलन हुआ है।

रिज पर फैल रहा है मलबा

रिज मैदान पर भी मलबा फैलने से निगम की तैयारियों पर पूरा पानी फेर दिया, हालांकि निगम लंबे समय से शहर में बरसात की तैयारियां कर रहा है। कुछ संवेदनशील स्थानों पर निगम के काम के बेहतर परिणाम मिले, लेकिन शहर के अन्य स्थानों पर मलबे ने लोगों को परेशान कर दिया। अब आने वाले दिनों में निगम को मलबा नालों में न फेंका जाए, इस दिशा में ध्यान देना होगा।

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प्रकाशकों की किताबें भी खराब

शिमला के रिज मैदान पर आयोजित पुस्तक मेले में सजे स्टालों में रात को बारिश का पानी घुस गया। इसके कारण कई प्रकाशकों की किताबें भी बारिश के कारण खराब हो गई। इसके कारण प्रकाशकों को भी नुकसान उठाना पड़ा है। शुक्रवार सुबह कई प्रकाशन रिज मैदान पर धूप में किताबों को सूखा रहे थे।

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