Himachal Fire News: हिमाचल में आग का तांडव, धधकती लपटों में आए पांच रिहायशी मकान; हजारों सेब के पौधे जलकर हुए राख
Himachal Forests Fire News हिमाचल प्रदेश में आग ने तांडव मचा रखा है। हवाओं के कारण आग बेकाबू हो गई है। धधकती लपटों की आग में पांच रिहायशी मकान और हजारों से ज्यादा सेब के पौधे जलकर राख हो गए। वहीं मौसम में कम नमी होने और सूखे जंगल में गिरे पत्तों ने आग में घी डालने का काम किया।
जागरण संवाददाता, ठियोग। उपमंडल के क्यारटू पंचायत के बड़ा जुब्बड और लणु गांव में जंगल की आग के तांडव ने पांच रिहायशी मकानों के साथ-साथ हजारों की संख्या में सेब के पौधों को निगल लिया है।
जंगल की आग में बड़ा लणु गांव के महेंद्र सिंह पुत्र शेर सिंह, कंवर सिंह पुत्र शेर सिंह, देवेंद्र सिंह पुत्र शेर सिंह गांव बड़ा जुब्बड क्यारटू, सुभाष ठाकुर पुत्र बसंत सिंह गांव बड़ा जुब्बड़ क्यारटू और पदम सिंह मालिक व दुर्गा सिंह गांव जुब्बड़ क्यारटू के घर पूरी तरह से जलकर राख के ढेर में तबदील हो गए।
आंखों के सामने जीवनभर की पूंजी खाक
कंवर और देवेंद्र सिंह के 10 कमरों का दो मंजिला मकान एक गौशाला सेब के लगभग 700 पौधे, सौरव ठाकुर के 8 कमरों का दो मंजिला मकान चपेट में आ गया। यह लोग अपने घर से एक सुई भी नहीं निकाल पाए। अपनी आंखों के सामने जीवनभर की पूंजी को खाक में मिलता देखकर इनके परिवार सदमे में हैं। इसके अलावा ज्ञान सिंह ठाकुर के एक हजार से अधिक सेब के पौधों के भी जलने की सूचना है।
500 से अधिक सेब के पौधे चढ़ गए आग की भेंट
रैणों गांव में गृह रक्षक मोहन सिंह ठाकुर के 500 से अधिक सेब के पौधे भी आग की भेंट चढ़ गए। नरेश कुमार और श्याम सिंह के टीडी के पेड़ भी इसी आग के चपेट में आ गए हैं। लणु गांव में पदम सिंह के दो मंजिला मकान के छह कमरों का मकान भी आग की भेंट चढ़ गया।
तूफान के कारण फैली आग
सोमवार रात फरगुला जंगल में लगी आग ने मंगलवार को रैणों-धारो, चमैच, बड़ा जुब्बड और लणु गांव तक जा पहुंची। इस आग में लगभग 15 से 20 हेक्टेयर वन भूमि और घासनी को नुकसान पहुंचा है। देर रात को लगी फरगुला में आग पर वन कर्मियों ने मंगलवार सुबह तक काबू पा लिया था लेकिन एकाएक तूफान की तेज हवाओं के कारण आग बेकाबू हो गई और चारों ओर फैल गई। मौसम में कम नमी होने और सूखे जंगल में गिरे पत्तों ने आग में घी डालने का काम किया।
सड़क न होने से अग्निशमन वाहन नहीं पहुंच सका
ठियोग उपमंडल के अधिकारी दिन भर अपनी टीम के साथ चारों तरफ फैलती आग के साथ जद्दोजहद करते रहे। इसमें स्थानीय लोगों ने कर्मियों का भरपूर साथ दिया लेकिन सड़क की सुविधा न होने के कारण अग्निशमन वाहन मौके पर नहीं पहुंच पाया। इस क्षेत्र में चीड़ के पेड़ों की बहुतायत है और चीड़ के पेड़ों से गर्मियों के दिनों में पत्तियों के झड़ने के साथ ज्वलनशील तेल चारों तरफ फैला रहता है और एक चिंगारी मिलने से यह तेल बहुत तेजी से आग को भड़काने का काम करता है।
आग को हाथों से बुझाने के प्रयास
पहाड़ी के दोनों तरफ लगी आग को हाथों से बुझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सुबह के समय आग पर काबू पा लिया गया था लेकिन तूफान के कारण आग ने विकराल रूप ले लिया। पहाड़ी के दोनों तरफ वन कर्मी और स्थानीय ग्रामीण आग पर काबू पाने के लिए काम कर रहे हैं। चीड़ के जंगल होने के कारण आग अधिक तेजी से फैलती है। आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। सुबह से मौके पर व्यक्तिगत रूप से कायम हूं। रात को तेज हवा चलने से आग भड़क सकती है। एहतियान रात के समय भी आग पर नजर बनाए रखी जाएगी। -मनीष रामपाल, वन मंडल अधिकारी ठियोग।
जुब्बड में रिहायशी मकान जचकर राख
पंचायत के लणु और बड़ा जुब्बड गांव में कई रिहायशी मकान आग की भेंट चढ़ गए हैं। इसके अलावा सेब के हजारों पौधों को भी नुकसान पहुंचा है। आग की भेंट चढ़ चुके मकानों के साथ लगते मकानों पर भी खतरा बना हुआ है जिसके कारण लोगों में दहशत का माहौल है। स्थानीय प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवारों के पुनर्स्थापन के लिए यथासंभव मदद की जाए। -लोकिंद्र चंदेल, प्रधान क्यारटू पंचायत।
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व्यक्तिगत रूप से मौके पर पहुंचा। आग की चपेट में आए रिहायशी मकानों का दुख है। पीड़ित परिवारों को प्रशासन की ओर से दस-दस हजार रुपये तरपाल, कंबल और बर्तन वितरित किए जा रहे हैं। नुकसान का आकलन करने के लिए तहसीलदार विवेक नेगी और भू राजस्व की टीम मौके पर मौजूद हैं। -मुकेश शर्मा, एसडीएम ठियोग।