शिमला में Flying Festival का आगाज, मनाली के रोशन लाल रहे आकर्षण का केंद्र; PM Modi को करवा चुके हैं Paragliding
शिमला के जुन्गा में आज से फ्लाइंग फेस्टिवल शुरू हो चुका है और शुभारंभ के दिन ही पैराग्लाइडर रोशन लाल यहां पर सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बन गए। रोशन लाल ने न केवल हिमाचल में पैराग्लाइडिंग की बात साढ़े तीन दशक पहले शुरू की थी बल्कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी 1997 में पैराग्लाइिंडग करवाई थी।
पीयूष शर्मा, जुन्गा (शिमला)। Flying Festival Inauguration In Junga: शिमला के जुन्गा में फ्लाइंग फेस्टिवल के शुभारंभ के दिन ही पैराग्लाइडर रोशन लाल (Paraglider Roshan Lal) सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बन गए। राशन लाल ने न केवल हिमाचल में पैराग्लाइडिंग की बात साढ़े तीन दशक पहले शुरू की थी बल्कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को भी 1997 में पैराग्लाइिंडग करवाई थी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय भी हिमाचल के इस सहासिक खेल को लेकर काफी उत्साहित थे।
रोशन लाल ने कहा कि वे भी चाहते थे कि हिमाचल में इस खेल को बढ़ावा मिले। कांगड़ा के बीड़ बीलिंग के बाद जुन्गा में भी इसके शुरू होने से वे खुद को गौरांवित महसूस कर रहे हैं। क्योंकि एक समय 90 के दशक के शुरू में जब वे इसकी बात करते थे, तो लोग उन्हें पागल कहते थे लेकिन अब उनका ये सपना शुरू हो गया है।
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1997 में नरेंद्र मोदी ने की थी पैराग्लाइडिंग
मनाली में पैराग्लाइडिंग की शुरुआत करने वाले पैराग्लाइडर रोशन लाल ने दावा किया कि साल 1997 में हिमाचल भाजपा के प्रभारी रहते हुए वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी उन्होंने पैराग्लाइडिंग करवाई थी। उस वक्त भी वह चाहते थे कि हिमाचल प्रदेश में सहासिक खेल को बढ़ावा दिया जाए। उस समय इस खेल को लेकर ज्यादा बाते नहीं होती थी। अब करीब 26 साल बाद हम देख रहे हैं कि पूरे हिमाचल प्रदेश भर में साहसिक खेलों को बढ़ावा मिल रहा है।
1991 में पैराग्लाइिडंग की बात करते पर मजाक उडाते थे लोग
रोशन लाल ने बताया कि प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने मंच से पैराग्लाइडर रोशन लाल का जिक्र किया है। साथ ही हिमाचल प्रदेश में सहासिक खेल और पैराग्लाइडिंग की भी बात की थी। प्रधानमंत्री बनने के बाद रोशन लाल नरेंद्र मोदी से मुलाकात नहीं कर सके हैं।
उन्होंने कहा कि 1991 में जब उन्होंने पैराग्लाइडिंग की शुरुआत की थी, तो तब लोग उनका मजाक उड़ाते थे। अब वक्त बदला है और पैराग्लाइडिंग को साहसिक खेल के साथ साथ स्वरोजगार से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पूरे प्रदेश में पैराग्लाइडिंग को बढ़ावा देने की जरूरत है, ताकि यहां आने वाले पर्यटकों की आमद बढ़े और प्रदेश के युवाओं को भी रोजगार मिल सके।
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