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40 साल बाद हुआ गाड़ा दुर्गा का नव दुर्गा बनोगी और पुंडरीक ऋषि से मिलन, देखने के लिए सैकड़ों बने गवाह

Himachal Pradesh News गुशैणी में 40 साल बाद गाड़ा दुर्गा का नव दुर्गा बनोगी और पुंडरीक ऋषि से मिलन हुआ। इस भव्‍य मिलन को देखने के लिए सैकड़ों लोग गवाह बने। इसके बाद गाड़ा दुर्गा ने माता नव दुर्गा व पुंडरीक ऋषि के साथ भव्य मिलन को देखकर पूरी घाटी देवमय हो गई है। यह परंपरा सैकड़ों सालों से चली आ रही है।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Tue, 27 Jun 2023 09:38 AM (IST)
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40 साल बाद हुआ गाड़ा दुर्गा का नव दुर्गा बनोगी और पुंडरीक ऋषि से मिलन

गुशैणी, संवाद सहयोगी: तीर्थन घाटी के तीन कोठी शर्ची तूंग व नोहांडा की आराध्य देवी माता गाड़ा दुर्गा का रथ बंदल मंदिर से ढोल नगाड़ों थाप पर सैकड़ों हारियानों के साथ सैंज घाटी पहुंच गई। यहां पहुंचने पर सैंज घाटी के देवलुओं ने माता का ढोलनगाड़ों की थाप से स्वागत किया। इसके बाद गाड़ा दुर्गा ने माता नव दुर्गा व पुंडरीक ऋषि के साथ भव्य मिलन को देखकर पूरी घाटी देवमय हो गई है।

40 साल बाद हो गया है मिलन

माता गाड़ा दुर्गा के कारदार मुरारी लाल शर्मा ने बताया कि माता गाड़ा दुर्गा ने नव दुर्गा बनोगी व पुंडरीक ऋषि देसूरी बनोगी का मिलन 40 साल बाद हो गया है। माता गाड़ा दुर्गा ठाकुर वंशज देथबा निरमंड से पत्थर की मूर्ति लाकर यहां स्थापित की गई है इससे ज्ञात होता है कि माता गाड़ा दुर्गा का बनोगी सैंज में कोई विशेष स्थान है।

माता गाड़ा दुर्गा के गुर पदम देव शर्मा और भंडारी निरत सिंह दरोगा ने बताया कि माता गाड़ा दुर्गा तब जाती है जब मानव कल्याण के कामों में बाधा उत्पन्न हो रही है तो माता दुर्गा अपने सभी धार्मिक स्थलों का दौरा कर चारों दिशाओं की शक्ति को अर्जित की। यह परंपरा सैकड़ों सालों से चली आ रही है।

माता ने गुर के माध्यम से क्षेत्र की सुख शांति का आशीर्वाद लिया

वहीं माता ने गुर के माध्यम से क्षेत्र की सुख शांति का आशीर्वाद लिया। माता ने गुर के माध्यम से कहा कि क्षेत्र में किसी भी प्रकार की कोई भी घटना नहीं होने देगी। माता गाड़ा दुर्गा के रथ का जगह जगह पर श्रद्धालुओं ने स्वागत किया। गाड़ा दुर्गा बंदल नव दुर्गा बनोगी व पुंडरीक ऋषि के मिलन के साथ देवलुओं ने कुल्लवी नाटी डाल कर पहाड़ी संस्कृति की अद्भुत मिसाल पेश की।

देवलू तिलक राज शर्मा, मनीष शर्मा, टिकम राम प्रीतम सिंह, धनेशवर प्रसाद, डोड कमाल सिंह व हीरालाल पालसरा ने बताया कि माता गाड़ा दुर्गा ने सैंज में अपना ठहराव किया। इस ऐतिहासिक दौरे में घाटी के लगभग 600 से अधिक देवलुओं ने भाग लिया।

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