Move to Jagran APP

Himachal: बागवानों को इसलिए नाले में फेंकना पड़ा सेब, वायरल वीडियो पर जनप्रतिनिधियों ने दी सफाई

Himachal Pradesh सड़क किनारे सेब को नाले में फेंकने का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने के मामले में पंचायत के प्रधान उपप्रधान व प्रत्यक्षदर्शियों ने अपना पक्ष रखा है। बागवानों को सेब को नाले में फेंकना पड़ा था। क्योंकि सड़कें बंद होने के अलावा सेब को मंडी में पहुंचाने का कोई विकल्प नहीं था। बारिश के चलते सेब का सड़ना और उसे फेंकना वास्तविक है।

By Jagran NewsEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANUpdated: Wed, 02 Aug 2023 02:05 PM (IST)
Hero Image
बागवानों को इसलिए नाले में फेंकना पड़ा सेब, वायरल वीडियो पर जनप्रतिनिधियों ने दी सफाई : जागरण
शिमला, जागरण संवाददाता: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने कहा कि शिमला जिले के किसान यशवंत सिंह की गाथा सुन पीड़ा हुई, जब किसान को मजबूरी में सेब और नाशपती को नाले में बहाना पड़ा। लोकतंत्र में किसानों को आवाज उठाने का मौलिक अधिकार है, जब टमाटर का दाम कम हुआ था तो सड़कों पर फेंकने पड़े थे, जब दूध की कीमत कम हुई तो किसानों ने दूध को सड़कों पर बहाया था।

किसान यशवंत ने भी यही किया। यह इतिहास में पहली बार ही हुआ है कि सेब मंडियों तक नहीं पहुंचा पाए। इसका कारण सड़कों की दुर्दशा व भारी वर्षा थी। उन्होंने कहा कि पटसारी-चेबड़ी-चेणू-बलासन सड़क को बनवाने में सरकार नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि सड़क चार जुलाई से बंद थी। किसान को सांत्वना देने के बजाय सरकार ने किसान, पंचायत प्रधान व उपप्रधान को धमकाना शुरू किया। इसकी भाजपा निंदा करती है।

सड़क बंद होने से नाले में फेंकना पड़ा खराब सेब

रोहड़ू: शिमला जिले के रोहडू उपमंडल में पटसारी-चेबड़ी-चेणू-बलासन सड़क किनारे बराल पंचायत के चेणू नामक स्थान में सेब को नाले में फेंकने का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने के मामले में बराल पंचायत के प्रधान, उपप्रधान व प्रत्यक्षदर्शियों ने अपना पक्ष रखा है।

उन्होंने कहा कि कुछ बागवानों ने जैसे ही सेब तोड़े, ठीक उसी दिन सड़कें बंद हो गई और सेब मंडी में नहीं पहुंच सका। इस कारण 80 प्रतिशत बगीचे में ही सड़ चुका था। इस कारण बागवानों को सेब को नाले में फेंकना पड़ा था। क्योंकि सड़कें बंद होने के अलावा सेब को मंडी में पहुंचाने का कोई विकल्प नहीं था।

बराल पंचायत के प्रधान गोपाल पांजटा सिंह ने बताया कि लगातार हो रही बारिश के चलते सेब का सड़ना और उसे फेंकना वास्तविक है, लेकिन यह बात भी सत्य है कि आपदा के दौरान यह संभव नहीं था कि सड़क को सुचारू रूप से बहाल रखा जा सके।

इस मामले को इंटरनेट मीडिया में आने पर बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी सहित अन्य जिम्मेदार लोगों की ओर से पंचायत प्रतिनिधियों पर राजनीतिक दृष्टि से जोड़ना गलत है। इनके खिलाफ जल्द मानहानि का दावा किया जाएगा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।