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हिमाचल के शिक्षकों के लिए बड़ी खबर! सरकार ने परमानेंट और प्रमोशन के नियमों में किया बदलाव

हिमाचल प्रदेश सरकार ने स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के तहत तैनात शिक्षकों को बड़ी राहत देने का फैसला किया है। सरकार ने शिक्षकों को नियमित करने के लिए भर्ती एवं पद्दोन्नति (आरएंडपी) नियमों में बदलाव का प्रस्ताव तैयार किया है। भर्ती के लिए 5 प्रतिशत एलडीआर (सीमित सीधी भर्ती) कोटा तय किया गया है। इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा।

By Anil Thakur Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 02 Oct 2024 04:36 PM (IST)
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सरकार ने परमानेंट और प्रमोशन के नियमों में किया बदलाव

अनिल ठाकुर, शिमला। राज्य के सरकारी स्कूलों में स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के तहत तैनात शिक्षकों को सरकार बड़ी राहत देने की तैयारी में है। शिक्षकों को नियमित करने के लिए सरकार ने अब बीच का रास्ता निकाला है।

जेबीटी, टीजीटी, सीएंडवी व प्रवक्ता श्रेणी के शिक्षकों के लिए बने भर्ती एवं पद्दोन्नति (आरएंडपी) नियमों में बदलाव करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है।

भर्ती के लिए 5 प्रतिशत एलडीआर (सीमित सीधी भर्ती) कोटा तय किया गया है। शिक्षा विभाग ने इसको लेकर प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा था।

अभी यह मामला विधि विभाग को भेजा गया। उसके बाद वित्त विभाग की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद इसे अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा।

2500 शिक्षकों को बड़ी राहत

राज्य लोक सेवा आयोग के साथ भी इसको लेकर बैठक होनी है। यदि इसे मंजूरी मिल जाती है तो 2500 के करीब एसएमसी शिक्षकों को बड़ी राहत होगी।

यदि भर्ती के लिए 5 प्रतिशत एलडीआर कोटा तय भी हो जाता है तब भी इन्हें कर्मचारी चयन आयोग और लोकसेवा आयोग के माध्यम से परीक्षा देनी पड़ेगी।

परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इनकी नए सिरे से नियुक्तियां होगी। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने हाल ही में विभाग की समीक्षा बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा की थी।

पूर्व धूमल सरकार में शुरू हुई थी भर्ती

पूर्व में भाजपा सरकार के समय हार्ड व जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए एसएमसी आधार पर शिक्षकों को रखने की प्रक्रिया शुरू हुई थी।

सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस ने भी इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। इसके लिए बने नियमों में बदलाव किया गया और जिन स्कूलों में 1 साल व इससे ज्यादा समय से पद खाली पड़े थे वहां पर भी एसएमसी के तहत ही शिक्षकों की नियुक्तियां की। शिक्षक पिछले काफी समय से नियमितिकरण की मांग उठा रहे हैं।

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