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खुशखबरी! हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों को 1 अक्टूबर को मिलेगी सैलरी, पेंशनरों को करना होगा इंतजार

Himachal Economic Crisis हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को सितंबर का वेतन 1 अक्टूबर को मिलेगा लेकिन पेंशनरों को 9 अक्टूबर तक इंतजार करना होगा। यह निर्णय वित्त विभाग द्वारा राज्य (Himachal Pradesh Latest News) के खजाने के नकदी प्रवाह की समीक्षा के बाद लिया गया है। यह सरकार की वित्तीय संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है।

By Anil Thakur Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 28 Sep 2024 08:11 PM (IST)
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Himachal Economic Crisis: हिमाचल में इस बार एक अक्टूबर को मिलेगी सैलरी

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Economic Crisis: राज्य के सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को इस बार पेंशन 1 तारीख को ही मिल जाएगी। हालांकि पेंशनरों को 9 तारीख तक का  इंतजार करना पड़ेगा।

वित्त विभाग ने सरकारी कोषागार में होने वाले ‘नकदी के प्रवाह’ की समीक्षा करने के बाद यह निर्णय लिया है। पिछले माह प्रदेश के कर्मचारियों को वेतन 5 सिंतबर व पेंशनरों को 10 सितंबर को पेंशन का भुगतान किया गया था।

वर्तमान सरकार द्वारा वित्तीय संसाधनों का विवेकपूर्ण तरीकों से उपयोग करने की दिशा में यह कदम उठाया गया था। इस दिशा में राज्य सरकार को होने वाली प्राप्तियों और खर्चे में असंतुलन को कम करके यह प्रयास किया जा रहा है कि ऋण राशि सही समय पर लिया जाए, जिससे ऋण पर दिये जाने वाले ब्याज पर कम से कम खर्च हो।

पेंशन का भुगतान 9 अक्टूबर को होगा

यहां जारी एक बयान में उन्होंने बताया कि वित्त विभाग द्वारा राज्य के खजाने के नकदी प्रवाह की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि सितंबर का वेतन 1 अक्टूबर को दिया जाएगा जबकि पेंशन का भुगतान 9 अक्टूबर को किया जाएगा।

अधिकारी ने बताया कि अगस्त का वेतन 5 सितंबर को और पेंशन 10 सितंबर को जारी किया गया था, जो वित्तीय संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार समय पर उधार सुनिश्चित करने के लिए प्राप्तियों और व्यय के बीच अंतर को कम करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है, जिससे राज्य ऋण पर ब्याज का बोझ कम हो सके।

मुख्यमंत्री ने विधानसभा में क्या कहा था

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 4 सितंबर को विधानसभा को सूचित किया था कि राज्य को वेतन में 1,200 करोड़ रुपये और पेंशन में 800 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए 2 हजार करोड़ रुपये मासिक की आवश्यकता है।

सीएम ने कहा था कि 520 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा ग्रैंड (आरडीजी) और केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा, 740 करोड़ रुपये, हर महीने की छठी और दसवीं तारीख को प्राप्त होता है, जिससे ऋण जुटाने की आवश्यकता होती है।

सुक्खू ने यह भी कहा था कि प्रत्येक महीने के पहले दिन वेतन भुगतान को पूरा करने के लिए 7.5 प्रतिशत ब्याज पर बाजार से उधार लेने से हर महीने लगभग 3 करोड़ रुपये की बचत की जा सकती है, जो कि ब्याज भुगतान में सालाना 36 करोड़ रुपये है।

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