Himachal High Court: फिर टली निर्दलीय विधायकों की याचिका पर सुनवाई, कपिल सिब्बल ने विधानसभा अध्यक्ष का रखा पक्ष
Himachal Politics News हिमाचल प्रदेश के तीन निर्दलीय विधायकों की सुनवाई (Petition Of Independent MLAs) फिर टल गई है। इस मामले में प्रार्थियों की ओर से बहस पूरी होने के बाद कुछ समय के लिए स्पीकर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मामले पर विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की। अब अगली सुनवाई 30 अप्रैल दोपहर बाद सवा चार बजे होगी।
जागरण संवाददाता, शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट में निर्दलीय विधायकों के इस्तीफों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई 30 अप्रैल के लिए टल गई। तीन निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफे मंजूर न करने और उन्हें स्पीकर द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करने के खिलाफ याचिका दायर की है। मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष इस मामले पर सुनवाई हुई।
कपिल सिब्बल ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की सुनवाई
इस मामले में प्रार्थियों की ओर से बहस पूरी होने के बाद कुछ समय के लिए स्पीकर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मामले पर विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की। उन्होंने मामले पर अपनी ओर से अगली बहस के लिए सुनवाई 30 अप्रैल दोपहर बाद सवा चार बजे निर्धारित करने का आग्रह किया जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकारते हुए सुनवाई 30 अप्रैल के लिए रखी गई।
विधानसभा के बाहर भी दिया था धरना
निर्दलीय विधायकों की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में उन्होंने खुद जाकर स्पीकर के समक्ष इस्तीफे दिए, राज्यपाल को इस्तीफे की प्रतिलिपियां सौंपी। विधानसभा के बाहर इस्तीफे मंजूर न करने को लेकर धरने दिए और हाईकोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया तो उन पर दबाव में आकर इस्तीफे देने का प्रश्न उठाना किसी भी तरह से तार्किक नहीं लगता और इसलिए इससे बढ़कर उनकी स्वतंत्र इच्छा से बड़ा क्या सबूत हो सकता है। उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कोर्ट को बताया कि प्रार्थीयों को इस्तीफे का कारण बताने को बाध्य नहीं किया जा सकता।यह भी पढ़ें: Himachal News: हिमाचल में निर्दलीय विधायकों पर आफत, दल-बदल के नियमों से जा सकती है विधायकी; कांग्रेस नेता ने गिनाए रूल्सइतना ही नहीं किसी विधायक को कानून के तहत इस्तीफे का कारण देने की मनाही है। निर्दलीय विधायकों की ओर से उन्हें स्पीकर द्वारा जारी किए कारण बताओ नोटिस का हवाला देते हुए कहा गया कि स्पीकर ने भी उनके इस्तीफे की बात स्वीकार की है। फिर भी उनके इस्तीफे मंजूर नहीं किए जा रहे हैं।
निर्दलीयों ने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में डाली थी वोट
प्रार्थियों का कहना है कि उनके इस्तीफे मंजूर न करने की दुर्भावना स्पीकर के जवाब से जाहिर है जिसके तहत उन पर दबाव में आकर राज्यसभा चुनाव के दौरान बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालने के गलत आरोप लगाए गए हैं। प्रार्थियों का कहना था कि यदि स्पीकर अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए उनके इस्तीफे मंजूर नहीं करता तो हाईकोर्ट के पास यह शक्तियां हैं कि वह जरूरी आदेश पारित कर उनके इस्तीफों को मंजूरी दे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।