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हिमाचल में बारिश का कहर: सरकार ने की इमरजेंसी बैठक, CM सुक्खू बोले- युद्धस्तर पर चल रहा राहत एवं बचाव कार्य

मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने सोमवार को शिमला में आपात बैठक बुलाई। बैठक में उन्होंने अधिकारियों के साथ राहत एवं बचाव कार्य पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 1200 सड़कें प्रभावित हुई हैं जिन्हें बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 600 सड़कों को आज शाम तक खोल दिया जाएगा और 300 सड़कों को कल तक बहाल कर दिया जाएगा।

By Parkash BhardwajEdited By: Rajat MouryaUpdated: Mon, 14 Aug 2023 07:38 PM (IST)
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हिमाचल में बारिश का कहर, शिमला में सरकार ने की आपात बैठक

शिमला, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछले दो दिन से हो रही भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश के इतिहास में एक दिन में सबसे अधिक 41 लोगों की बहुमूल्य जान गई है, जबकि 13 लोग अभी भी लापता हैं। भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए शिमला में बुलाई गई एक आपात बैठक में उन्होंने कहा कि इस भीषण त्रासदी के दृष्टिगत इस बार स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रमों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में सिर्फ ध्वजारोहण, परेड और मुख्य अतिथि का संबोधन ही होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि परेड में स्थानीय पुलिस और एसडीआरएफ के जवान शामिल नहीं होंगे। वह बचाव कार्यों में ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि भारी बारिश से लोगों को हो रही परेशानियों को दूर करना सरकार की पहली प्राथमिकता है और परेड को भी स्केल डाउन किया जा रहा है।

'राहत पहुंचाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी रहेगा'

उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक संख्या में जवान राहत और बचाव कार्यों में तैनात किए जाएंगे और लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि नालागढ़ से एनडीआरएफ की टुकड़ी शिमला पहुंच गई है। प्रदेश में लगभग 1200 सड़कें प्रभावित हुई हैं, जिन्हें बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 600 सड़कों को आज शाम तक खोल दिया जाएगा और 300 सड़कों को कल तक बहाल कर दिया जाएगा।

इन जिलों में पहुंचा सबसे ज्यादा नुकसान

उन्होंने इस बारिश के कारण जिला सोलन, शिमला, मंडी और हमीरपुर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों को प्रभावितों की हरसंभव मदद प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने शिमला शहर में बंद सड़कों को जल्द से जल्द खोलने के निर्देश दिए और कहा कि गिरे हुए पेड़ों को तुरंत हटा कर सड़कों को बहाल किया जाए। खतरनाक हो चुके पेड़ों को चिन्हित कर सुबह तक उसकी रिपोर्ट उन्हें प्रदान करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने प्रभावित पेयजल योजनाओं को जल्द से जल्द बहाल कर लोगों को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में बहुत से स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसका सम्बन्धित विभाग को अध्ययन करना चाहिए, ताकि इनके कारणों के बारे में पता चल सके।

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