Himachal Crime: शिमला में व्यक्ति की हत्या के बाद जला दिया था शव, अब HC ने 11 आरोपियों की जमानत याचिका की खारिज
Shimla Crime News शिमला में व्यक्ति की हत्या के बाद शव को जला देने वाले 11 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज हो गई है। घटना राजधानी शिमला के बालूगंज थाना क्षेत्र की गलोट पंचायत की है। आरोपों के अनुसार चोरी करने और मंदिर में आग लगाने के शक पर हत्या की गई थी। घटना के 11 दिन बाद केस दर्ज किया गया था।
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने शिमला में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या करने के बाद शव जलाने के 11 आरोपितों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। न्यायाधीश राकेश कैंथला ने आरोपों की गंभीरता और हत्या के तरीके को मद्देनजर रखते हुए आरोपित याचिकाकर्ताओं को अग्रिम जमानत प्रदान करने से इन्कार कर दिया।
मंदिर में आग लगाने के शक पर की हत्या
आरोपों के अनुसार चोरी करने और मंदिर में आग लगाने के शक पर हत्या की गई थी। घटना राजधानी शिमला के बालूगंज थाना क्षेत्र की गलोट पंचायत की है। प्रार्थी राजीव, ताराचंद, गीताराम, शंकर लाल, राम लाल, राजेश, जगदीश, हरीष, आशीष, हेमंत और विनय पर आरोप है कि इन्होंने एक व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डाला। कुछ प्रार्थी शव को जलाते समय मौके पर मौजूद भी थे।
11 दिन बाद हुआ केस दर्ज
सभी आरोपित गलोट पंचायत के शिलड़ू गांव के रहने वाले हैं। घटना के 11 दिन बाद मृतक की मां की शिकायत पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया था। मृतक की मां तारा देवी ने कहा था कि उसका बेटा टीकम चंद आठ वर्ष से पनेश के साथ लगते गांव खरयाड़ में सेवानंद नाम के व्यक्ति के घर में मजदूरी करता था। 22 मार्च, 2024 को सेवानंद की पत्नी प्रभा देवी ने उसे फोन कर बताया कि इसके बेटे की गिरने के कारण मौत हो गई है और वे शव का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। सेवानंद ने भी उससे बात की थी।यह भी पढ़ें: Himachal News: मलबे में गाड़ियां दबने के बाद सरकार सतर्क, NDRF-SDRF को किया तैनात, CM सुक्खू ने आपदा से निपटने के दिए बड़े निर्देश
तारा देवी ने पुलिस को बताया था कि स्थानीय लोगों से पता चला कि 21 मार्च को उसका बेटा शीतला माता मंदिर गया था। पुलिस जांच के दौरान पाया गया कि गांव के कुछ लोगों ने चोरी के शक में और मंदिर में आग लगाने को लेकर टीकम की बुरी तरह पिटाई की और उसकी मौत होने पर शव को जला डाला।
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