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हिमाचल में अगस्त में शुरू होगा मानसून सत्र, 25 जुलाई को मंत्रिमंडल बैठक में मिलेगी मंजूरी; सत्र में ये मुद्दे रहेंगे खास

हिमाचल प्रदेश में मानसून सत्र की शुरुआत अगस्त में होगी। इस बाबत आने वाली 25 जुलाई को बैठक होगी। इस सेशन में छह से आठ बैठकें हो सकती हैं। खास बात है कि इस बार यह सत्र आम चुनाव और 2 उपचुनावों के बाद हो रहा है। इस बैठक में विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों को भरने संबंधी कोई निर्णय लिया जा सकता है।

By Parkash Bhardwaj Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 18 Jul 2024 06:00 AM (IST)
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Himachal Pradesh News: हिमाचल विधानसभा में सीएम सुक्खू (जागरण फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का आयोजन अगस्त माह के मध्य में होने की संभावना है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में 25 जुलाई को होने वाली मंत्रिमंडल बैठक में मानसून सत्र को लेकर निर्णय लिया जा सकता है।

छह से आठ बैठकें हो सकती हैं

मानसून सत्र में 6 से 8 बैठकें हो सकती हैं। इस बार मानसून सत्र लोकसभा चुनाव एवं 2 उपचुनावों के बाद हो रहा है। ऐसे में इस बार सदन का माहौल बदला होगा और सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार की ओर से विपक्षी भाजपा पर सरकार को अस्थिर करने के आरोपों की बौछार होगी।

बैठक में विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों को भरने संबंधी कोई निर्णय लिया जा सकता है। मौजूदा समय में शिक्षा विभाग में भर्ती प्रक्रिया का सिलसिला शुरू हो गया है। इसके बाद अब अन्य विभागों में भी खाली पड़े हजारों पदों को चरणबद्ध तरीके से भरने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

12 फीसदी DA अदायगी की संभावनाएं कम

हालांकि, प्रदेश सरकार जिस तरह के वित्तीय हालात से गुजर रही है, उसको देखते हुए अभी कर्मचारियों को नए वेतनमान के बकाया एरियर एवं लंबित 12 फीसदी डीए अदायगी की संभावनाएं कम हैं। मंत्रिमंडल में होम स्टे इकाइयों के संचालन के लिए नए नियम बनाए जाने को लेकर कोई निर्णय लिया जा सकता है।

होम स्टे को लेकर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की गई है, जिसकी सिफारिशों के अनुरुप नए नियम तय होंगे।

होम स्टे में सरकार सिर्फ हिमाचली लोगों को जोड़ना चाहती है। इसके अलावा बिना पंजीकरण के होम स्टे संचालन पर कार्रवाई की जा सकती है।

सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष कम करना चाहती है सरकार

चर्चा यह भी है कि सरकार नई भर्ती प्रक्रिया में विलंब को देखते हुए सेवानिवृत्ति आयु को कुछ समय के लिए 60 वर्ष करना चाहती है। ऐसा करने से सरकार को नई भर्ती का समय मिल जाएगा और कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति पर 2 वर्ष विराम लगने से सरकारी कामकाज में आने वाला व्यवधान भी दूर होगा।

बैठक में मुख्यमंत्री की घोषणाओं व बजट घोषणाओं के अलावा विभिन्न विभागों की तरफ से आने वाले प्रस्तावों के आधार पर निर्णय लिया जा सकता है।

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