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Himachal Avalanche: हिमस्खलन से अटल टनल रोहतांग बंद, बर्फ हटाने में जुटी आधुनिक मशीनें; जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

Himachal Avalanche हिमाचल में बर्फबारी के चलते अटल टनल यातायात के लिए बंद है। जिससे यात्रियों व आम जनता की समस्याएं भी बढ़ गई हैं। बर्फ हटाने के लिए बीआरओ की मशीनरी पूरी तरह से मुस्तैद है। बता दें कि लाहुल घाटी के चार नालों में मंगलवार को भारी हिमस्खलन हुआ है। जिससे लोगों और पर्यटकं की समस्या बढ़ गई है।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 06 Mar 2024 10:44 AM (IST)
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Himachal Avalanche: हिमस्खलन से अटल टनल रोहतांग बंद, बर्फ हटाने में जुटी आधुनिक मशीनें
जागरण टीम, शिमला/मनाली। प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मंगलवार शाम में फिर हिमपात शुरू हो गया है। हिमस्खलन से साउथ पोर्टल में अटल टनल रोहतांग टनल का प्रवेश द्वार बंद हो गया है। बर्फ को हटाने के लिए मशीनरी लगा दी है।

अटल टनल यातायात के लिए बंद है, लेकिन आपात स्थिति के लिए सड़क से बर्फ हटाने का कार्य जारी है। डीएसपी मनाली केडी शर्मा ने बताया कि हिमस्खलन दो दिन पहले हुआ है। बर्फ हटाते हुए बीआरओ की मशीनरी टनल के समीप पहुंची तो साउथ पोर्टल में टनल का मुंह बंद हो गया। लाहुल घाटी के चार नालों में मंगलवार को भारी हिमस्खलन हुआ है। इससे चिनाब (चंद्रभागा) नदी का बहाव कुछ देर के लिए रुक गया लेकिन अब पानी ने रास्ता बना लिया है।

हिमपात के बाद हिमस्खलन का खतरा बना हुआ है

ग्रामीण मोहन लाल, दोरजे व सोमदेव ने बताया कि मंगलवार को ठोलंग व लौट के सामने पहाड़ी से भारी हिमस्खलन हुआ। रणवीर व राहुल ने बताया कि थिरोट से तिबंदी तक जगह-जगह हिमस्खलन हुआ है। लाहुल स्पीति के अधिकतर क्षेत्रों में बिजली व पानी की आपूर्ति प्रभावित है।

बीआरओ व लोक निर्माण विभाग सड़कों की बहाली में जुटा है। लाहुल घाटी में मंगलवार को बादल छाए रहे और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फ के फाहे गिरे। उपायुक्त राहुल कुमार ने कहा कि लाहुल स्पीति में भारी हिमपात के बाद हिमस्खलन का खतरा बना हुआ है। जगह-जगह हिमस्खलन हो रहा है। प्रशासन सतर्क है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है। किन्नौर की नेसंग

पंचायत में सेब के 12 बगीचे तहस-नहस

किन्नौर जिला की नेसंग पंचायत के दो नालों में हिमस्खलन से 12 के करीब सेब के बगीचे तहस-नहस हो गए और दो पशुशालाओं को नुकसान पहुंचा है। नेसंग पंचायत में तीन फीट से अधिक बर्फ दर्ज की गई है। लोगों ने बताया कि नेसंग गांव के साथ लगते टुमंनग नाला में कई वर्ष पहले हिमस्खलन हुआ था लेकिन खोनाछेन नाला में पहली बार हुआ है। मार्च में हो रही वर्षा और हिमपात कृषि व बागवानी के लिए लाभदायक हैं।

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