हिमाचल में डाक विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा: फेक प्रमाण पत्र के सहारे हासिल की नौकरी, तीन मामलों में FIR दर्ज
हिमाचल के शिमला में डाक विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। पता चला है कि फेक प्रमाण पत्र के सहारे तीन लोगों ने ग्रामीण डाक शाखाओं में नौकरी हासिल की है। पुलिस ने तीन मामलों में प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस को प्राथमिक जांच में पता चला कि आरोपितों ने मार्कशीट से छेड़छाड़ करके अपने अंकों को बढ़ाया है।
शिमला, जागरण संवाददाता। डाक विभाग की ग्रामीण डाक शाखाओं में फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी हासिल करने के एक साथ तीन मामले सामने आए हैं। इनमें एक आरोपित उत्तर प्रदेश जबकि दो अन्य हरियाणा से संबंध रखते हैं। निरीक्षक डाकघर राकेश कुमार की शिकायत पर इसको लेकर मामला दर्ज किया गया है।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपितों ने मार्कशीट से छेड़छाड़ करके अपने अंकों को बढ़ाया है। ऐसा करके वह मेरिट में आ गए व उनका चयन डाक सेवक, सहायक शाखा डाकपाल पद के लिए आसानी से हो गया। डाक विभाग में इन पदों के लिए पिछले साल भर्ती हुई थी। उम्मीदवारों का चयन मेरिट के आधार पर किया गया है। एक साल बाद इसमें फर्जीवाड़े का पता चला है।
डाक विभाग ने चयन के बाद अपने स्तर पर इसकी जांच की। अब इसमें फर्जीवाड़े का पता चला है। इससे पहले भी हिमाचल में डाक विभाग में फर्जीवाड़े के कई मामले सामने आ चुके हैं।
केस-1
पुलिस को दी शिकायत में उन्होंने बताया कि ग्राम डाक सेवक, सहायक शाखा डाक पाल पद के लिए 25 अप्रैल 2022 को अधिसूचना जारी हुई थी। उपरोक्त पद के लिए अंकित कुमार पुत्र शिव बहादुर निवासी 175-बक्सा की बाग डाकघर आलापुर तहसली कुंडा जिला प्रतापगढ़ उतर प्रदेश ने आवेदन किया था जिसकी नियुक्त दसवी कक्षा में हासिल किए गए अंको की मेरिट के आधार पर हुई थी।
उसके उपरांत विभाग की तरफ से अंकित कुमार द्वारा पेश किए गए दसवीं कक्षा के असल प्रमाण पत्र की वेरिफकेशन संबंधित कार्यालय अप्पर सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज उतर प्रदेश से करवाई गई। जहां से अंकित कुमार द्वारा अपनी दसवीं कक्षा के प्रमाण पत्र में नंबरों में भिन्नता पाई गई। अंकित कुमार द्वारा अपना दसवीं कक्षा का प्रमाण पत्र जाली तैयार करके ग्राम डाक सेवक के पद को हासिल करके धोखाधड़ी करके नौकरी हासिल की है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 465 व 468 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
केस-2
बालूगंज थाना में दर्ज हुआ है। निरीक्षक डाक विभाग राकेश कुमार ने बताया कि साहिल पुत्र सुरेश नैन निवासी गांव व डाकघर धमटान साहिब, तहसील नरवाणा, जिला जिंद, हरियाणा ने आवेदन किया था। जिसकी नियुक्त दसवी कक्षा में हासिल किए गए अंको की मेरिट के आधार पर हुई थी।
उसके बाद विभाग की तरफ से अंकित कुमार द्वारा पेश किए गए दसवीं कक्षा के असल प्रमाण पत्र की वेरिफिकेशन संबंधित कार्यालय अप्पर सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज उतर प्रदेश से करवाई। जहां से अंकित कुमार द्वारा अपनी दसवीं कक्षा के प्रमाण पत्र के रोल नंबर में भिन्नता पाई गई। साहिल द्वारा अपना दसवीं कक्षा का प्रमाण पत्र जाली तैयार करके ग्राम डाक सेवक के पद को हासिल करके धोखाधड़ी करके नौकरी हासिल की है।
केस-3
तीसरा मामला भी इसी पद के लिए सामने आया है। निरीक्षक डाकघर ने बताया कि राहुल पुत्र रमेश निवासी गांव व डाकघर जलालपुर, तहसील बपोली, जिला पानीपत हरियाणा ने आवेदन किया था। इसकी नियुक्त दसवी कक्षा में हासिल किए गए अंकों की मेरिट के आधार पर हुई थी।
उसके उपरांत विभाग की तरफ से अंकित कुमार द्वारा पेश किए गए दसवीं कक्षा के असल प्रमाण पत्र की वेरिफिकेशन के लिए कार्यालय शिक्षा बोर्ड़ हरियाणा भिवानी से करवाई गई। जहां से राहुल द्वारा अपनी 10वीं कक्षा के प्रमाण पत्र में दर्शाए गए नंबरो में भिन्नता पाई गई। राहुल द्वारा अपना दसवीं कक्षा का प्रमाण पत्र जाली तैयार करके ग्राम डाक सेवक के पद को हासिल करके धोखाधड़ी करके नौकरी हासिल की है।