Himachal Budget 2023: समग्र शिक्षा अभियान के लिए हिमाचल ने केंद्र से मांग 1000 हजार करोड़ का बजट
समग्र शिक्षा अभियान की एक टीम दिल्ली गई है जो वर्क प्लान पर केंद्रिय शिक्षा मंत्रालय के समक्ष हिमाचल का पक्ष रखेंगे। 22 मार्च को एसएसए के राज्य परियोजना निदेशक भी दिल्ली जाएंगे। वह वर्क प्लान को लेकर बैठक में भाग लेंगे।
By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Tue, 14 Mar 2023 09:34 AM (IST)
शिमला, जागरण संवाददाता। समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत हिमाचल ने केंद्र सरकार से 1000 करोड़ के बजट की मांग की है। एसएसए ने वित्तीय वर्ष 2023-24 का वार्षिक कार्य योजना (एनुअल वर्क प्लान) तैयार कर के भेजा है। दिल्ली में केंद्रिय शिक्षा मंत्रालय के साथ 5 से 6 बैठकें होती है। इसमें बताया जाता है कि बजट की जो मांग की है उसे कहां पर खर्च किया जाना है। समग्र शिक्षा अभियान की एक टीम दिल्ली गई है जो वर्क प्लान पर केंद्रिय शिक्षा मंत्रालय के समक्ष हिमाचल का पक्ष रखेंगे।
22 मार्च को एसएसए के राज्य परियोजना निदेशक भी दिल्ली जाएंगे। वह वर्क प्लान को लेकर बैठक में भाग लेंगे। बजट पर अंतिम मुहर प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में लगेगी। शिक्षा क्षेत्र में नई योजनाएं शुरू करने, खेल गतिविधियों को बढ़ाने, पुस्तकालयों को मजबूत करने, डिजिटलाइजेशन को ध्यान में रखते हुए योजना तैयार की गई है। एसएसए स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम बनाएगा इसके अलावा बच्चों को गुणात्मक शिक्षा मिले इस पर काम होगा।
वोकेशनल शिक्षा के तहत शुरू किए जाएंगे नए कोर्सप्रदेश में वोकेशनल शिक्षा के तहत स्कूलों में नए कोर्स शुरू किए जाएंगे। सरकारी स्कूलों में नर्सरी और केजी कक्षाएं शुरू की गई है इनकी संख्या को बढ़ाया जाएगा इसके लिए भी केंद्र से अधिक बजट की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि नर्सरी-केजी कक्षाओं को जेबीटी से पढ़ाने या नर्सरी टीचर ट्रेनिंग करने वाले शिक्षकों की भर्ती करने को लेकर भी चर्चा की जाएगी।
हिमाचल बनेगा पहला राज्य, जहां विशेष बच्चे शिक्षा से वंचित नहीं रहेगासमग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना अधिकारी राजेश शर्मा ने कहा कि स्टार प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र ने बजट जारी किया है। इसमें कुछ खामियां थी। जिस बैंक को यह काम सौंपा था उसने इसमें देरी की है। उन्होंने कहा कि दूसरे बैंक को यह काम देने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विशेष बच्चों के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के साथ मिलकर शिक्षा देने के लिए काम किया जाएगा।
विशेष टीचर भी तैनात किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कुछ बच्चें अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाते। उनके लिए एसएसए एक योजना बना रहा है। इसके तहत ब्लॉक रिसोर्स सेंटर है उसके अधीन आने वाले ऐसे विशेष बच्चें उन्हें ब्लॉक में रिसोर्स सेंटर बनाया जाएगा। गाड़ी के माध्यम से बच्चों को लाया जाएगा व शाम को वापिस छोड़ा जाएगा। हिमाचल पहला राज्य होगा जहां विशेष बच्चा शिक्षा के बिना नहीं रहेगा। स्कूलों में ड्रापआउट यानि जिन्होंने स्कूल छोटा है उनकी पहचान की गई है। उनके लिए वोकेशनल कोर्सेज करवाए जाएंगे।
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