खुशखबरी! अब शहरों में भी चला सकेंगे होम स्टे, सुक्खू सरकार ने दी मंजूरी; नहीं लेना होगा NOC
हिमाचल प्रदेश में अब शहरों में भी होम स्टे संचालित हो सकेंगे। होम स्टे संचालन के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) नहीं लेना पड़ेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में होम स्टे नीति को स्वीकृति दी गई। साथ ही सरकार ने आपदा राहत पैकेज को भी मंजूरी दी है जिसके तहत इस साल हुए प्रभावितों को भी सात लाख रुपये राहत राशि मिलेगी।

राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल में अब शहरों में भी होम स्टे संचालित हो सकेंगे। होम स्टे संचालन के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) नहीं लेना पड़ेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में वीरवार को शिमला स्थित सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक में होम स्टे नीति को स्वीकृति दी गई। सरकार ने आपदा राहत पैकेज को स्वीकृति दी, इस साल हुए प्रभावितों को भी सात लाख रुपये राहत राशि मिलेगी।
स्कूलों में अतिथि शिक्षक नियुक्त करने, एसएमसी शिक्षकों को नियमित करने व विभागों में 137 पद भरने को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के नेतृत्व वाली होम स्टे संचालन मंत्रिमंडलीय उपसमिति की सिफारिशें मानते हुए हिमाचल प्रदेश होम स्टे नियम-2024 को अधिसूचित करने का निर्णय लिया। नए प्रविधानों के अनुसार होम स्टे के लिए हिमाचल के लोग ही पात्र होंगे।
चार कमरों की संख्या बढ़ाकर कर दिया 6
होम स्टे निर्माण के लिए उचित मल निकासी और कचरा निपटान तंत्र अनिवार्य होंगे। चार कमरों की संख्या को बढ़ाकर छह कर दिया है। वर्षा जल संचयन प्रणालियों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएगा। प्राकृतिक आपदा और बाढ़ में सब कुछ गंवाने वालों के लिए आपदा राहत पैकेज जारी रखने का निर्णय लिया।
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शिमला जिले के समेज व रामपुर, कुल्लू जिले के जाओं-बागीपुल, निरमंड और मंडी जिले के टिक्कम थलटूखोड़ इत्यादि क्षेत्रों के आपदा प्रभावितों को सात लाख रुपये राहत राशि दी जाएगी। उद्योग विभाग में 80 खनन रक्षकों की नियुक्ति के लिए 20 से 30 वर्ष की आयुसीमा तय करने के मापदंड को मंजूरी दी।
पसंदीदा कैडर चुनने के लिए दिए जाएंगे 30 दिन
सरकार ने मेडिकल कॉलेज व अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत पैरामेडिकल व अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के दो कैडर बनाने को सैद्धांतिक मंजूरी दी। कर्मचारियों को पसंदीदा कैडर चुनने के लिए 30 दिन का समय मिलेगा।
प्रभावित क्षेत्र का दायरा पांच से बढ़ाकर किया 15 किलोमीटर
जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) ट्रस्ट नियम-2016 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया। संशोधन में प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्रों का स्पष्ट समीकरण शामिल है और स्थानीय समुदाय को लाभान्वित करने के लिए सीधे प्रभावित क्षेत्र का दायरा पांच से बढ़ाकर 15 किलोमीटर किया गया। डीएमएफ फंड का उपयोग कम से कम 70 प्रतिशत विशेष रूप से प्रभावित क्षेत्रों में किया जाना अनिवार्य किया है।
डीएफओ निविदा खोल सकेंगे
सूखे और क्षतिग्रस्त पेड़ों के निस्तारण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू करने को मंजूरी दी। इसका उद्देश्य सड़कों के किनारे गिरे या क्षतिग्रस्त पेड़ों को तुरंत हटाना व इनका प्रबंधन करना है। प्रक्रिया सुव्यवस्थित करने, लागत कम करने और स्कूल, अस्पताल, सड़क आदि जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए डीएफओ को 50 पेड़ों तक के लाट का प्रबंधन करने की शक्तियां देने का निर्णय लिया।
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