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Himachal Cloud Burst: 18 घंटे बाद भी डर से कांपता रहा अशोक,आंखों के सामने बह गए परिवार के सात सदस्य

हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की घटना के बाद पीड़ित अशोक ने परिवार के सदस्यों को बहते हुए देखा। पीड़ित ने घटना को लेकर बताया कि जब बादल फटा तो धमाके की बहुत तेज आवाज आई और जमीन थरथराने लगी। चंद सेकंडों में पानी का बहाव तेज हो गया और देखते ही देखते उस जलप्रवाह शिकार उसका परिवार हो गया।

By rohit nagpal Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 01 Aug 2024 10:05 PM (IST)
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Himachal Cloud Burst: आपदा से बुरी तरह प्रभावित हिमाचल प्रदेश (जागरण फोटो)
अतुल कश्यप , समेज। हिमाचल प्रदेश में तबाही ने पिछले साल के घाव ताजा कर दिए। बुधवार की रात बादल फटने से हिमाचल में जैसे त्राहि-त्राहि मच गई।

इस कड़ी में समेज निवासी अशोक कुमार ने बताया कि उन्होंने अपनी आंखों के सामने अपनी तबाही को देखा है। उनके परिवार के सात लोग और मेहमानी में समेज से आए एक अन्य व्यक्ति भी लापता है।

तेज आवाज के बाद जमीन थरथराने लगी

अशोक के मुताबिक बुधवार देर रात वे भी किसी के घर मेहमानी में गए हुए थे। समीप के क्षेत्र कंधार से बहुत तेज आवाजें सुनाई देने लगी। जमीन में भी काफी थरथराहट थी। अपनों को बचाने के लिए आगे भी बढ़े लेकिन पानी का बहाव किसी बड़ी नदी की तरह दिख रहा था।

चंद मिनटों में पूरा का पूरा कस्बा तबाह हो गया। रात के समय से अपनों की तलाश में जुटे हुए हैं, अब तक कोई अता-पता नहीं चल सका है।

न बची रसोई न बची गऊशाला

इस मंजर को सोच कर अब भी डर लग रहा है, शरीर में उठी कंपकपी अभी तक नहीं थमी है। सारा परिवार बाढ़ की भेंट चढ़ गया। उनके और भाई के कुल सात कमरे तबाह हो गए हैं। इसके अलावा रसोईघर, गऊशाला और भेड़ बकरियों का शेड भी नहीं बचा है।

हादसे को हुए करीब 16 घंटे बीत गए हैं, लेकिन न तो प्रशासन की ओर से कोई मदद मिली और न ही कोई मिलने आया है। घर न होने के कारण आज से रात कहां कटेगी अभी कुछ पता नहीं है।

श्रीखंड के पहाड़ से रात को हाथ में टॉर्च और मशाले लिए कुछ लोगों को सूचना देने का काम तो स्थानीय स्तर पर करने का प्रयास किया गया।

पानी का बहाव इतना तेज था कि उनकी सूचना पहुंचने से पहले पानी वहां पहुंच गया। तेजी से बढ़ता पानी अपने बहाव में पूरे समेज गांव को बहा कर ले गया।

गांव में बरपा आपदा का कहर

सरपारा पंचायत के उप प्रधान चुन्नीलाल ने बताया कि रात लगभग 12:30 बजे फोन पर सूचना मली। श्रीखंड की पहाड़ियों से हाथों में टॉर्च और मशाल लिए लोगों को कुछ कहने या सचेत करने का प्रयास किया जा रहा है।

इस पर इसके बाद सरपारा व समेज गांव में फोन करके लोगों को सूचना देने का काम शुरू किया तो इससे पहले ही पानी अपना कहर बरपा गया।

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इसमें कुछ भी नहीं बच पाया। उन्होंने बताया कि इस गांव में एक स्कूल, एक डिस्पेंसरी और बिजली प्रोजेक्ट, दो ट्रांसफामर्भर भी थे। यह सभी पानी के साथ बह गया है। स्कूल के 6 से 7 बच्चे भी बह गए हैं।

अभी सभी लापता है। पुलिस जिला प्रशासन से लेकर सभी एजेंसियां लापता लोगों की की तलाश कर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि हो सकता है कि सभी सुरक्षित और कहीं रुके हो। इसी उम्मीद के सहारे गांव में खंडर बन चुके घरों से भी लोगों को तलाशने के लिए प्रयास किया जा रहा है।

चंद मिनट में ही हिल गया पूरा समेज गांव

स्थानीय निवासी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि एक समय ऐसा लगा की पूरी सृष्टि ही हिल गई हो। पानी के बहाव से लेकर पत्थर और पहाड़ इस तरह से नीचे आ रहे थे कि पूरी कायनात ही हिलती हुई नजर आ रही थी।

चंद लम्हों में पूरे समेज गांव के घर पानी के साथ मिट्टी बनकर चले गए। अपने साथ कई परिवारों को भी ले गए, अब उनकी तलाश की जा रही है।

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