Himachal Cloud Burst: सूख गए आंखों के आंसू, नहीं मिली खबर; चीख पुकार के बीच अपनों को तलाश रहे लोग
Himachal Cloud Burst हिमाचल में बादल फटने से लोगों को भारी तबाही का सामना करना पड़ रहा है। इस तबाही में कई घर बह गए। अभी भी 49 लोग लापता हैं। चार लोगों की मौत हो गई। जहां पर यह हादसा हुआ लोग अपनों को दिनभर तलाश करते रहे। लोग घरों को लौटते समय एक-दूसरे को ढांढस बंधा रहे थे कि उम्मीद न छोड़ें।
संवाद सूत्र, रामपुर (शिमला)। रामपुर से लेकर आसपास के किसी भी गांव से समेज पहुंच रहे व्यक्ति के मुंह से यही निकल रहा था कि प्रकृति के कहर से तो भगवान ही बचा सकता है। नम आंखों से चीखती चिल्लाती महिलाएं, पुरुष और बच्चे रिश्तेदारों को पूरा दिन तलाशते रहे। प्रशासन के पहुंचने पर उनकी उम्मीद की किरण जागती और लौटते ही बुझ जाती।
वीरवार दिनभर ऐसा ही चला रहा। जब भी कोई प्रशासनिक अमले से अधिकारी या नेता वहां पहुंचे तो लोग एकत्र हो जाते। इस उम्मीद में कि कहीं किसी के मिलने की सूचना मिल जाए। उनके लौटने के बाद फिर से मायूस होकर नदी के किनारे बैठकर अपनों को तलाशने का इंतजार करने लगते। ये सिलसिला पूरा दिन चलता रहा। शाम तक आंखों के आंसू सूखने की कगार पर पहुंच गए थे।
एक दूसरे को ढांढस बांध रहे लोग
समेज खड्ड में पानी का बहाव उस समय भी डरा रहा था। जब दिन ढलने लगा तो अपनों की न मिलने की उम्मीद टूट गई। लोग घरों को लौटते समय एक-दूसरे को ढांढस बंधा रहे थे कि उम्मीद न छोड़ें। कल फिर नई उम्मीद से अपनों की तलाश से लिए समेज पहुंचेंगे। समेज में एनडीआरएफ की एक टीम लगाई गई है। दूसरी टीम सुबह तक मोर्चा संभाल लेगी।
लापता लोगों की नहीं मिली कोई खबर
रामपुर दत्तनगर से लेकर सुन्नी तक खंगाल रहे सतलुज रामपुर, दत्तनगर, झाकड़ी से लेकर सुन्नी तक लापता लोगों की तलाश के लिए प्रशासन ने पूरा दिन जांच टीमों व गोताखोरों को लगाए रखा।
प्रोजेक्ट में जहां से भी सतलुज होकर गुजर रही थी वहां पर जिला प्रशासन की ओर से गोताखोर और टीमों को लगाया गया था। लापता लोगों में से कोई भी उनके हाथ नहीं लगा। समेज स्कूल में 72 बच्चे पढ़ते थे।यह भी पढ़ें- Himachal Cloud Burst: 'शवों को तभी निकाल सकते जब सूरज की रोशनी मिले', तबाही पर CM सुक्खू बोले- तेजी से चल रहा बचाव अभियान
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