Himachal Cloudburst: हिमाचल में बादल फटने से तबाही, बाढ़ से अब तक 26 लोगों की मौत; 128 सड़कें बंद
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की घटना से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। इस आपदा ने अब तक 26 लोगों की जान ले ली हैं। जब से बाढ़ आई है तब से 55 लोग लापता हुए हैं जिनमें से कइयों के शव बरामद कर लिए गए हैं। वहीं प्रदेश में 128 सड़कें बंद हैं तथा 44 बिजली योजनाएं व 67 जल योजनाएं बाधित हैं।
एएनआई, शिमला। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में 31 जुलाई की रात बादल फटने से आई बाढ़ में अभी भी 55 लोग लापता है। शुक्रवार को शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के तहत दोघरी क्षेत्र में चार और रामपुर उपमंडल के नोगली में एक शव मिला है। अब तक 26 शव बरामद हो चुके हैं।
वहीं, लापता लोगों की तलाश के लिए शिमला पुलिस ने शनिवार को समेज गांव से लेकर सतलुज नदी के किनारे सुन्नी क्षेत्र तक विभिन्न स्थानों पर तलाशी और बचाव अभियान जारी रखा।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के आंकड़ों के अनुसार, 1 अगस्त से 55 लोग लापता हैं, जिनमें शिमला और कुल्लू जिलों के समेज और बागीपुल क्षेत्र के 33 लोग शामिल हैं।
हिमाचल में 128 सड़कें बंद हैं
इसके अलावा, राज्य में 128 सड़कें बंद हैं, साथ ही 44 बिजली योजनाएं और 67 जल योजनाएं बाधित हुई हैं। भारतीय मौसम विभाग ने भारी बारिश की भविष्यवाणी की है और अगले 24 घंटों के लिए राज्य में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
इससे पहले, 9 अगस्त को, राज्य में हाल ही में हुई भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति के कारण 1,000 करोड़ रुपये का विनाशकारी नुकसान हुआ है। शुक्रवार को जारी एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य (आईपीएच), लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) तथा राज्य के सड़क ढांचे के लिए 900 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
आपदाओं के लिए सभी जिलों में हाई अलर्ट
राज्य सरकार ने सितंबर तक बारिश तथा संभावित प्राकृतिक आपदाओं के लिए सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा है। बचाव एवं तलाशी अभियान जारी रहने के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से तत्काल सहायता न मिलने पर चिंता व्यक्त की है, हालांकि भविष्य में मदद का आश्वासन दिया गया है।
आपदा के भावनात्मक प्रभाव को दर्शाते हुए एक बयान में मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा...
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।सितंबर तक सरकार के हाई अलर्ट पर रहने के साथ ही मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि अधिकारी तथा डिप्टी कमिश्नर स्थिति को संभालने के लिए रोजाना बैठकें कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पिछली सरकार की ढीली नीतियों, खासकर बड़े होटलों द्वारा पानी के उपयोग के संबंध में आलोचना की। वहीं, प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा...बचाव एवं तलाशी अभियान जारी रहेगा, खोए हुए लोगों की तलाश जारी है, उनका पता जल्द से जल्द लगाया जा सके, इसके लिए हम अभियान जारी रखेंगे। अभी भी 33 लोग लापता हैं।
यह भी पढ़ें- Himachal Disaster: समेज में आपदा के 10 दिन बाद भी बिजली ठप, लोग जनरेटर की मदद से मोबाइल चार्ज करने को मजबूरपिछली सरकार इतनी असंवेदनशील थी कि, बड़े होटलों से पानी के बिल के लिए कोई पैसा नहीं लेते थे। हमने यह अनिवार्य कर दिया है कि हम उनसे प्रति किलोलीटर के हिसाब से पैसे लें, भले ही वे ग्रामीण इलाकों में हों। उनसे जो भी पैसा वसूला जाएगा, उसे ग्रामीण इलाकों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए खर्च किया जाएगा।