Himachal News: सीएम सुक्खू ने किया बड़ा एलान, हिमाचल प्रदेश में बेटी के जन्म पर मिलेंगे दो लाख; पढ़ें पूरी खबर
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल में केवल एक बेटी के जन्म पर दो लाख और दो बेटियों के जन्म पर एक लाख देने की एलान किया है। उन्होंने कहा कि लड़कियां आज हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। शिक्षा से लेकर सेना तथा अन्य क्षेत्रों में लड़कियां आगे निकल गई हैं। अब समाज में लड़कियों के प्रति समाज की मानसिकता बदल रही है।
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने राज्य में एक बेटी के जन्म पर दो लाख और दो बेटियों के जन्म पर एक लाख देने की घोषणा की है। सीएम ने कहा कि इस योजना से कन्या भ्रूण हत्या रोकने में सहायता होगी।
बेटी के जन्म पर मिलेंगे दो लाख
मुख्यमंत्री सुक्खू ने ने इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना के तहत एक बेटी के बाद परिवार नियोजन अपनाने वाले परिवार को मिलने वाले 35 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर दो लाख रुपए करने तथा दो बेटियों के बाद परिवार नियोजन पर मिलने वाले 25 हजार रुपए की राशि को एक लाख रुपए करने की घोषणा की।
लड़कियों के प्रति समाज की मानसिकता बदल रही है
उन्होंने कहा कि लड़कियां आज हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। शिक्षा से लेकर सेना तथा अन्य क्षेत्रों में लड़कियां आगे निकल गई हैं। उन्होंने कहा कि वेदों और पुराणों में भी महिलाओं को अधिक सम्मान और महत्व दिया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि लड़कियों के प्रति समाज की मानसिकता बदल रही है, जिसमें 73वें और 74वें संविधान संशोधन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आज शिमला में गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसी एंड पीएनडीटी) अधिनियम 1994 के तहत में दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का शुभारंभ किया। मैं प्रदेश में भ्रूण हत्या को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करता हूं और इस मौके पर इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा… pic.twitter.com/tsqFRQiohs— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) October 5, 2023
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने संविधान संशोधन के माध्यम से महिलाओं को पंचायती राज संस्थाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया, जिससे समाज में लड़कियों के प्रति धीरे-धीरे दृष्टिकोण बदला और आज हिमाचल प्रदेश की पंचायती राज संस्थाओं में 56 प्रतिशत महिलाएं प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
भ्रूण हत्या रोकने के लिए बेहतक काम किया जा रहा
उन्होंने कहा कि अब महिलाओं को विधानसभा और संसद में 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का बिल संसद द्वारा पास किया गया है, जिसका सभी दलों ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या रोकने के दृष्टिगत बेहतर काम करने के लिए जिला चंबा के भरमौर, जिला शिमला के ननखड़ी और मंडी जिला के जंजहैली ब्लाक को सम्मानित किया, जिनमें लिंगानुपात क्रमशः 1015, 1087 और 996 है।
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गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसी एंड पीएनडीटी) अधिनियम 1994 के तहत आज शिमला में दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एसआरएस डाटा 2018-20 के अनुसार हिमाचल प्रदेश में लिंगानुपात 950 है, जो देश में तीसरे स्थान पर है तथा हमें पहले स्थान पर आने का लक्ष्य को हासिल करना होगा। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में भ्रूण हत्या को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की है।
सुक्खू ने अधिनियम के तहत सोनोग्राफी मशीन का पंजीकरण कराने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली का शुभारंभ भी किया। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के उपयोग से प्रतिभागी अपनी सुविधा अनुसार कहीं से भी पंजीकरण करवा सकते हैं, जिससे उनके समय की बचत होगी और प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। साथ ही प्रत्येक आवेदन की वास्तविक समय स्थिति को ट्रैक करना भी संभव होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली से एक सुरक्षित और प्रभावी डेटाबेस की सुविधा प्रदान करने में मददगार सिद्ध होगी।
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कानूनी प्रावधानों का हिमाचल प्रदेश में सख्ती से पालन हो रहा
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डा. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने भू्रण जांच करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि आज समाज में लड़कियों के प्रति नज़रिया बदल रहा है। उन्होंने कहा कि लिंग जांच पर बनाए गए कानूनी प्रावधानों का हिमाचल प्रदेश में सख्ती से पालन हो रहा है।