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'हिमाचल में नहीं है आर्थिक संकट', CM सुक्खू बोले- बस वित्तीय अनुशासन की है जरूरत

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट नहीं है बल्कि वित्तीय अनुशासन की आवश्यकता है। सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सुधार के दौर में ऐसी परिस्थितियां पैदा होती हैं जिससे घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार हर तरह के संकट को पार करने में सक्षम है।

By Parkash Bhardwaj Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Sun, 01 Sep 2024 07:37 PM (IST)
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सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल वित्तीय अनुशासन की जरूरत है।

राज्य ब्यूरो, शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया कि हिमाचल में किसी प्रकार का आर्थिक संकट नहीं है, वित्तीय अनुशासन की जरूरत है। राज्य सरकार ने पहले ही दिन से अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में कार्य किया है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।

शिमला स्थित गेयटी थियेटर में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में सुक्खू ने कहा कि सुधार के दौर में इस तरह की परिस्थितियां पैदा होती है, जिससे किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार हर तरह के संकट को सजगता से पार करने की स्थिति में है।

सुक्खू ने कहा कि सभी को अनुशासित होने की जरूरत है, चाहे सत्ता में बैठे लोग हों या कर्मचारी वर्ग। राज्य को विकसित करने के लिए हर वर्ग को अनुशासित होना पड़ेगा। जहां तक मंत्रियों, मुख्य संसदीय सचिवों, कैबिनेट दर्जा प्राप्त सलाहकारों व सार्वजनिक उपक्रमों के अध्यक्ष-उपाध्यक्षों के वेतन-भत्तों की बात है तो सांकेतिक रूप से विलंबित करने का निर्णय लिया है।  वेतन-भत्तों को विलंबित करने का उद्देश्य अर्थव्यवस्था में सुधार लाना है।

सभी वर्गों का होगा समग्र विकास

सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार 70 वर्ष से अधिक आयु के 28 हजार पेंशनरों को एरियर का भुगतान कर रही है। सरकारी कर्मचारियों को सात प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता(डीए) दिया गया है। राज्य की वित्तीय स्थिति पर कहा कि सरकार किसानों, बागवानों, मजदूरों, महिलाओं, छोटे दुकानदारों सहित समाज के सभी वर्गों का समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रही है।

सरकार ने हिमाचल को वर्ष 2027 तक आत्मनिर्भर और वर्ष 2032 तक देश का समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया। प्रदेश की गरीब और पात्र जनता को 14 प्रकार का उपदान दिया जा रहा है। जिनको आवश्यकता नहीं, ऐसे लोगों को भी कई तरह का उपदान प्रदान किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार के आह्वान पर हजारों लोग सस्ते राशन का उपदान छोड़ रहे हैं और हजारों की संख्या में लोग बिजली-पानी का उपदान छोड़ने की बात कर रहे हैं।

विधानसभा में पढ़कर आएं भाजपा विधायक 

सुक्खू ने भाजपा विधायकों पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा के मानसून सत्र में बिना तैयारी के आते हैं। जिसका प्रमाण है कि कभी ड्रोन से जासूसी करने का मामला उठाकर सनसनी फैलाते हैं तो कभी राज्य की वित्तीय स्थिति पर गलत टिप्पणी करते हैं।

उन्होंने भाजपा विधायकों को सुझाव दिया कि विधानसभा आने से पहले पढ़ने की जरूरत हैं। अच्छा होगा कि विपक्षी विधायक तैयारी करके आएं। उनका आरोप था कि पूर्व भाजपा सरकार सत्ता से जाने से पहले 85 हजार करोड़ रुपये की देनदारियां छोड़कर गई है।

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