हिमाचल के CM सुखविंदर सुक्खू बोले- 'केंद्र ने आपदा की स्थिति में जो धनराशि दी, वह हिमाचल का अधिकार है'
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा है कि केंद्र सरकार ने आपदा की स्थिति में प्रदेश के लिए कोई विशेष पैकेज अब तक नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि जो मदद केंद्र ने दी है वह हिमाचल का अधिकार है। सीएम सुक्खू ने ये भी कहा कि राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और विशेष राहत पैकेज देने के दोनों मामलों को अनसुना किया जा रहा है।
By Parkash BhardwajEdited By: Rajat MouryaUpdated: Wed, 13 Sep 2023 10:06 PM (IST)
शिमला, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि प्रदेश में प्राकृतिक आपदा और बाढ़ से पैदा हुई स्थिति में केंद्र सरकार ने राज्य को जो धनराशि दी है, वह हिमाचल का अधिकार है। केंद्र सरकार ने वार्षिक बजट के प्रविधानों के तहत मिलने वाली दो किश्तें एक साथ दी हैं। इसके अतिरिक्त राज्य की कोई वित्तीय मदद नहीं की।
सचिवालय में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार केंद्र सरकार से लगातार मांग कर रही है कि राज्य में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और विशेष राहत पैकेज देने के दोनों मामलों को अनसुना किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू (CM Sukhvinder Sukhu) ने कहा कि सरकार आपदा प्रभावितों तक राहत पहुंचाने के लिए मैनुअल में बदलाव कर रही है। राज्य में आपदा के दौरान घर गंवाने वाले प्रभावित लोगों को प्रदेश सरकार ने मासिक किराया देने का निर्णय लिया और उसे लागू भी कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में राहत शिविरों में रहने वाले प्रभावित परिवारों को मासिक पांच हजार रुपये और शहरी क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को दस हजार मासिक धनराशि मार्च 2024 तक प्रदान की जाएगी। कई लोगों ने आपदा में अपनी जमीन गंवा दी है, अब ऐसे लोगों के पास राजस्व दस्तावेजों में तो जमीन दर्ज है, लेकिन धरातल पर रहने के लिए भूमि का पर्याप्त टुकड़ा नहीं है।
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'आपदा प्रभावितों को भूमि देगी सरकार'
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ऐसे नियमों में भी बदलाव करेगी और आपदा प्रभावितों को ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा और शहरी क्षेत्रों में दो बिस्वा भूमि प्रदान करेगी। तब तक राहत पहुंचाने का काम करेगी। उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि आपदा प्रभावितों तक राहत पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए। राहत सामग्री और राहत राशि की कोई कमी नहीं आनी चाहिए।'वॉशिंगटन सेब से बागवानों को नुकसान होगा'
उन्होंने कहा कि हाल ही में वॉशिंगटन सेब पर आयात शुल्क कम करने की बात सामने आई है, जिससे प्रदेश के बागवानों के हितों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। केंद्र सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के छह जिलों में सेब बहुल किसान-बागवान प्रभावित होंगे।
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