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हिमाचल में CPS नियुक्ति मामले में सुनवाई: अब प्रदेश सरकार देगी जवाब; एप्लीकेशन देकर मांगा समय

Himachal CPS Appointment Case हिमाचल में मुख्य संसदीय सचिवों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में हिमाचल प्रदेश में आज फिर सुनवाई हुई। बीते सोमवार को प्रार्थियों की ओर से बहस पूरी कर ली गई थी जबकि मंगलवार को कुछ सीपीएस की ओर से बहस सुनने के बाद आगामी बहस के लिए 24 अप्रैल यानी आज का दिन रखा गया है।

By rohit nagpal Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 24 Apr 2024 06:42 PM (IST)
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CPS की सभी सुविधाओं पर लगी रोक (Himachal Pradesh High Court)
विधि संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh News) हाई कोर्ट में मुख्य संसदीय सचिवों (CPS) की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज फिर सुनवाई हुई। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर व न्यायाधीश बीसी नेगी की खंडपीठ के समक्ष 22 अप्रैल को दोपहर बाद से इन मामलों पर सुनवाई शुरू हुई थी। सोमवार को प्रार्थियों की ओर से बहस पूरी कर ली गई थी जबकि मंगलवार और बुधवार को कुछ सीपीएस की ओर से बहस पूरी होने के बाद प्रार्थियों की ओर से भी बहस पूरी कर ली गई।

अब इस मामले में प्रदेश सरकार की ओर से बहस की जानी है जिसके लिए कोर्ट ने मामले को 8 मई को सूचीबद्ध करने के आदेश जारी किए। मामले पर सुनवाई के दौरान सीपीएस की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि वे केवल मंत्रियों को उनके कार्यों में सहायता प्रदान करते हैं। उनका मंत्रिमंडल के कार्यों से कोई लेना देना नहीं है। उनकी ओर से कहा गया कि उनकी नियुक्ति कानून के अनुसार की गई है और उनकी नियुक्ति से किसी भी नागरिक के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं होता।

हिमाचल में CPS की नियुक्तियां SC के फैसलों के विपरीत

प्रार्थियों की ओर से सीपीएस नियुक्ति से जुड़े कानून को चुनौती देते हुए इस कानून को बनाने की सरकार की योग्यता पर प्रश्न चिह्न उठाया गया है। प्रार्थियों की ओर से कहा गया कि प्रदेश में सीपीएस की नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत है इसलिए इनके द्वारा किया गया कार्य भी अवैध है। इतना ही नहीं इनके द्वारा गैरकानूनी तरीके से लिया गया वेतन भी वापिस लिया जाना चाहिए। प्रार्थियों की ओर से सीपीएस की नियुक्तियों पर रोक लगाने की गुहार लगाते हुए कहा गया कि इन्हें एक पल के लिए भी पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है।

डे टुडे आधार पर सुनवाई

उल्लेखनीय है कि 2 अप्रैल को कोर्ट ने अगली तारीख निर्धारित करते हुए स्पष्ट किया था कि आगामी तारीख से इस मामले पर सुनवाई डे टुडे आधार पर होगी। कोर्ट ने इस मामले में सभी सीपीएस को मंत्रियों वाली सुविधाएं लेने और मंत्रियों वाले कार्य करने पर रोक लगाई हुई है। अब उनके सीपीएस बने रहने से जुड़े मुद्दे पर सुनवाई हो रही है। कोर्ट में सरकार की ओर से बताया गया कि सभी सीपीएस कानून के अनुसार ही कार्य कर रहे हैं। सरकार ने पहले ही स्पष्ट किया था कि कोई भी सीपीएस मंत्रियों वाली सुविधाएं भी नहीं ले रहे है।

12 भाजपा विधायकों ने दी सीपीएस को चुनौती

भाजपा नेता सतपाल सत्ती सहित 12 भाजपा विधायकों ने सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती दी है। याचिका में अर्की विधानसभा क्षेत्र से सीपीएस संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह, दून से राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल की नियुक्ति को चुनौती दी गई है।

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