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Himachal Crime: क्रिप्टो करेंसी के झांसे में आए हिमाचल के कई अधिकारी, जांच में हुए कई बड़े खुलासे

क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी के झांसे में हिमाचल के कई आला अधिकारी भी आए हैं। 11 महीनों में कमाई को दोगुना करने का झांसा दिया गया। शातिरों के इस झांसे में आकर अधिकारियों ने भी बेधड़क होकर निवेश किया। पैसा दोगुना होना तो दूर मूलधन (निवेश की गई राशि) भी वापिस नहीं आई। सूत्रों की माने तो पहले अधिकारी अपनी शिकायत पुलिस को देने में हिचकिचा रहे थे।

By Anil ThakurEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Wed, 25 Oct 2023 10:04 PM (IST)
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क्रिप्टो करेंसी के झांसे में आए हिमाचल के कई अधिकारी

जागरण संवाददाता, शिमला। क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) के नाम पर ठगी के झांसे में हिमाचल के कई आला अधिकारी भी आए हैं। 11 महीनों में कमाई को दोगुना करने का झांसा दिया गया। शातिरों के इस झांसे में आकर अधिकारियों ने भी बेधड़क होकर निवेश किया। पैसा दोगुना होना तो दूर मूलधन (निवेश की गई राशि) भी वापिस नहीं आई।

इस शहर के लोगों का डूबा सबसे ज्यादा पैसा 

सूत्रों की माने तो पहले अधिकारी अपनी शिकायत पुलिस को देने में हिचकिचा रहे थे। एसआईटी ने जब इस मामले में गिरफ्तारियां की तो इसका खुलासा होने लगा। अब अधिकारी भी अपनी शिकायत देने लगे हैं। एसआईटी की जांच में सामने आया है कि पूरे प्रदेश में हजारों लोग इस झांसे में फंसे। सबसे ज्यादा पैसा मंडी, हमीरपुर व कांगड़ा जिला के लोगों का डूबा है।

11 महीनों में पैसा डबल करने का दिया झांसा

सूत्रों की माने तो मंडी जिला में कुछ लोगों ने अपनी जमीन तक बेची तो कुछ ने इस पर लोन लेकर निवेश किया। अब वे खुदको ठगा सा महसूस कर रहे हैं। पुलिस की पकड़ में आए सुखदेव ने सैकड़ों लोगों को क्रिप्टो करेंसी के नाम पर निवेश करवाया। बाद में उन्हें मूलधन भी वापस नहीं मिल पाया। लोगों को उसने लुभावने सपने दिखाए और उनकी धनराशि को 11 माह में डबल करने का झांसा दिया। ग्रामीणों को भरोसा दिलासा दिया कि वह स्थानीय है और कहीं भाग कर नहीं जा रहा है।

रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों से करवाया निवेश, अब पछता रहे

मात्र 11 महीने में अमीर होने की चाह में कई लोगों ने अपनी धनराशि का निवेश कर दिया। शुरुआती दौर में कुछ धनराशि मिलने पर लोगों का रुझान इस ओर अधिक बढ़ गया। बीते रोज एसआईटी ने 7 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। ये एक आर्गेनाइज गैंग की तरह काम कर रहे थे। इन लोगों ने अपने रिश्तेदारों, परिवार के सदस्यों से भी निवेश करवाया।

हालांकि बाद में जब धनराशि नहीं मिली तो दूसरी वेबसाइट देकर लोगों को काम पर लगाए रखा। अब वे लोग खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। मामले में अभी तक 1 लाख लोगों ने 2.5 लाख आईडी के जरिए की ट्रांजेक्शन की पुष्टि हो चुकी है। मामले में 2 हजार 300 करोड़ की कुल ट्रांजेक्शन होने का अभी तक अनुमान है।

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