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Himachal Disaster: हिमाचल में बादल फटने से हाहाकार, बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 31 लोगों की मौत; 121 घर तबाह

हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और भू्स्खलन ने जनजीवन अस्त-व्यस्त किया हुआ है। मानसून के इस सीजन में अब तक 31 लोगों की मौत हो गई। वहीं भूस्खलन की सबसे ज्यादा घटनाएं मंडी में हुई हैं। प्रदेश में अब तक 1140 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। वहीं मौसम विभाग ने 21 अगस्त तक राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।

By Agency Edited By: Prince Sharma Updated: Sun, 18 Aug 2024 03:23 PM (IST)
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हिमाचल में प्राकृतिक आपदा से अब तक 31 लोगों की मौत
पीटीआई, शिमला। हिमाचल प्रदेश में जारी मानसून सीजन के दौरान 27 जून से 16 अगस्त के बीच बादल फटने और अचानक बाढ़ की 51 घटनाओं में 31 लोगों की मौत हो गई। इस बात की जानकारी राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र ने दी।

राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 27 जून से 16 अगस्त के बीच बादल फटने और अचानक बाढ़ की 51 घटनाओं में 31 लोगों की मौत हो गई और 33 लापता हो गए।

लाहौल-स्पीति को सबसे ज्यादा नुकसान

प्रदेश में लाहौल और स्पीति को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां बाढ़ और बादल फटने से जुड़ी 22 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जो राज्य में सबसे अधिक हैं। इसके बाद किन्नौर में 11, ऊना में छह, कुल्लू और मंडी में तीन-तीन, सिरमौर में दो और चंबा, हमीरपुर, शिमला और सोलन जिलों में एक-एक घटना हुई।

मंडी में सबसे ज्यादा भूस्खलन

आंकड़ों के अनुसार, 121 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र ने कहा कि इसी अवधि के दौरान 35 भूस्खलनों में तीन लोगों की मौत हो गई। मंडी में सबसे अधिक नौ भूस्खलन हुए।

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किन्नौर और शिमला में छह-छह भूस्खलन, लाहौल और स्पीति और चंबा में चार-चार, सोलन में तीन, कुल्लू में दो और बिलासपुर में एक भूस्खलन हुआ। अन्य जिलों के आंकड़े उपलब्ध नहीं थे।

रविवार सुबह 95 सड़कें रही बंद

हालांकि, कई जिलों के निवासियों ने दावा किया है कि बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं की संख्या आधिकारिक गणना से कहीं अधिक है। इस बीच, राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश जारी रही और रविवार सुबह 95 सड़कें बंद कर दी गईं, राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र ने कहा।

इस बाबत कहा गया कि कि कुल्लू में 33 सड़कें, मंडी और शिमला में 23-23, कांगड़ा में 10, चंबा और किन्नौर में दो-दो तथा हमीरपुर और ऊना में एक-एक सड़क बंद है। जानकारी के अनुसार यहां 47 बिजली और 35 जलापूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं।

1140 करोड़ का नुकसान

अधिकारियों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश को अब तक 1,140 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें सबसे अधिक नुकसान सड़क ढांचे को हुआ है।

लोक निर्माण विभाग को 502 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, इसके बाद जल शक्ति विभाग (469 करोड़ रुपये) और बागवानी विभाग (139 करोड़ रुपये) का स्थान है। स्थानीय मौसम विभाग ने 21 अगस्त तक राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश के लिए 'येलो' अलर्ट जारी किया है।

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