Himachal Disaster: हिमाचल के समेज में तबाही का मंजर जारी, 5 और लापता शव मिले ; 9 दिन से इलाके में नहीं आई बिजली
हिमाचल प्रदेश (Himachal Disaster) में बारिश की वजह से अब तक कई लोगों जान गई है। प्रदेश के कई इलाकों में तबाही का मंजर भी देखने को मिला है। समेज हादसे में लापता 5 और शव शुक्रवार को मिले। इलाके में पूरी तरह बिजली आपूर्ति ठप पड़ी है। घटना के 9 दिन बाद भी लोगों को जेनरेटर की मदद से मोबाइल चार्ज करना पड़ रहा है।
अतुल कश्यप, रामपुर बुशहर। हिमाचल में बारिश का कहर जारी है। प्रदेश में कई जगहों पर तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। समेज में बादल फटने के बाद से 33 लोग लापता हो गए थे। जिनकी तलाशी अभियान अभी भी जारी है।
इस हादसे कुल 33 लोग लापता हुए थे जिसमें से 15 लोगों के शव तलाशने में लगे जवानों व एजेंसियों को सफलता मिली है। शुक्रवार को पांच शव मिले हैं. इसमें से चार सुन्नी तो एक शव नोगली के पास मिला है।
समेज में अब तक बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप
उपमंडल रामपुर के समेज में 31 जुलाई की रात से विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से बंद पड़ी हुई है। आज 9 दिन बाद भी बिजली की सप्लाई बहाल नहीं हो पाई है।
हालांकि, विद्युत बोर्ड के अधिकारी व कर्मचारी युद्ध स्तर पर बिजली बहाल करने में डटे हुए हैं, लेकिन बाढ़ में बोर्ड के ट्रांसफर्मर, बिजली के खंबे और तारें बह जाने के बाद सारा काम नए सिरे से करना पड़ रहा है। इस घटना में कुल 36 लोग लापता हुए थे, इसमें से तीन कुल्लू के बागीपुल तो 33 शिमला के समेज के शामिल है।
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जेनरेटर के माध्यम से चल रहा संचार सिस्टम
9 दिनों से बिजली न होने से ग्रामीणों को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। रात के समय तो दिक्कतें और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं, लेकिन दिन में भी प्रभावितों की समस्याएं कम नहीं हो रही है।
अपने रिश्तेदारों से बात करने के लिए जनरेटर की मदद से मोबाइल चार्ज करने को मजबूर हैं। इसके लिए भी ग्रामीणों को कई-कई घंटे अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि एक समय में दर्जनों मोबाइल जनरेटर से चार्ज किए जा रहे हैं।
दिन तो जैसे तैसे कट जाता है, लेकिन रात होने पर दिक्कतें बढ़ जाती है। रात में एक तो अंधेरा और दूसरा बार-बार हो रही बारिश ग्रामीणों को और अधिक डरा रही है।
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समेज से सरघा सरपारा सड़क बाधित
गुरुवार रात को हुई भारी बरसात से समेज से सरघा सरपारा सड़क का काफी हिस्सा ढह जाने से बाधित हो गई है। समेज में सड़क धंसने से लोगों की समस्या और अधिक बढ़ गई है। क्योंकि यह सड़क समेज से आगे कई गांव को जोड़ती है, ऐसे में अब लोग अपने घरों में ही रहने को मजबूर हो गए हैं।
वहीं, इन दिनों सेब का सीजन शुरू हो गया है। लोगों को अपनी सेब फसल को मंडियों में पहुंचाने की सबसे बड़ी चिंता सता रही है। बारिश होने से यहां के लोग काफी सहम गए हैं। लोगों का कहना है कि जैसे ही भारी बारिश होती है तो डर लग जाता है कि फिर से कहीं बादल फटने की घटना न हो जाए।
अब तक केवल 4 शवों की हुई पहचान
समेज त्रासदी के बाद चल रहे सर्च ऑपरेशन में गुरुवार को नोगली में एक महिला का शव बरामद हुआ है। रेस्क्यू टीम ने शव को कब्जे में ले लिया है। शव की पहचान कल्पना कुमारी पत्नी जयसिंह के रूप में हुई है, जो ग्रीनको हाइड्रो प्रोजेक्ट में कार्यरत थी।
शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया। एसडीएम निशांत तोमर ने बताया कि नोगली में एक शव मिला है। अभी तक रामपुर आसपास व सुन्नी में मिले शवों की संख्या 15 हो गई है लेकिन केवल 4 शवों की ही अभी तक पहचान हो पाई है।
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