Himachal Disaster: 4 दिन बाद मलबे में दबी गाय मिली जिंदा, आपदा प्रभावित लोगों के खिले चेहरे, जगी उम्मीद
Himachal Disaster चार दिनों तक मलबे में दबी गाय को जिंदा निकाल लिया गया है। गाय को जिंदा देख आपाद प्रभावित लोगों के चेहरे खिल गए। उन्हें अब और भी आस जगी है। मलबे में दबे होने की सूचना रेसक्यू टीम को रविवार को मिली। इसके बाद रेस्क्यू टीम ने यहां पर ढूंढने का काम शुरू किया। कड़ी मशक्कत के बाद उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
संवाद सहयोगी, रामपुर (शिमला)। जाको राखे साइयां मार सके ना कोय...समेज गांव में यह कहावत एक बार फिर सच साबित हुई है। बुधवार रात को बादल फटने के बाद मची तबाही में मकान व गौशाला पूरी तरह ध्वस्त हो गए थे। गौशाला में एक गाय जिंदा दब गई थी। यह गाय खूंटे से बंधी हुई थी। चार दिन बाद इसके जिंदा बचने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही थी। गाय के जिंदा मिलने से आपदा झेल रहे लोगों के चेहरे खिल उठे हैं।
मलबे के नीचे दबी गाय का सफल रेस्क्यू कर लिया गया है। मलबे में दबे होने की सूचना रेसक्यू टीम को रविवार को मिली। इसके बाद रेस्क्यू टीम ने यहां पर ढूंढने का काम शुरू किया। बाहर निकालने के प्रयास तेज कर दिए गए। जिसे कड़ी मशक्कत करने के बाद बाहर निकलकर उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। गाय की जांच भी की गई और उसे खाने को चारा भी दिया गया। वह ठीक है, डॉक्टर उसकी जांच कर रहे हैं।
नम आंखों से हादसे स्थल पर आ रहे स्वजन
समेज में आपदा के चौथे दिन भी युद्ध स्तर पर राहत कार्य चल रहा है, लेकिन किसी प्रकार की कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। चौथे दिन भी 36 लापता व्यक्तियों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। ऐसे में आज भी लापता लोगों के स्वजन नम आंखें लिए इसी आस में हादसा स्थल पर आ रहे हैं कि शायद आज तो कोई मिल जाये।
शिमला में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी। pic.twitter.com/Pc2RA1LgNs
लेकिन किसी प्रकार की कोई सफलता रेस्क्यू टीम को नहीं मिल पा रही है फिर भी सभी के प्रयास जारी है। ये इतनी बड़ी आपदा थी कि परिजनों को जिंदगी भर का दुख दे गई और सभी इसी उम्मीद में है कि लापता लोगों की जल्द से जल्द खोज कर उन्हें सौंपा जाए।