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Himachal Disaster: तबाही में खोये अपनों की तलाश में पथरा गईं आंखें, समेज खड्ड के पास इंतजार में बैठे परिजन बिलख रहे

Himachal Disaster हिमाचल प्रदेश में बुधवार रात आई तबाही में कई परिवार उजड़ गए। अब तक 8 शव बरामद किए गए हैं। 47 लोग अभी भी लापता हैं। राहत-बचाव कार्य जोरों पर चल रहा है। समेज खड्ड के पास परिजन इंतजार में बैठे हैं। लेकिन अभी तक कोई खबर नहीं मिली है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। एक दूसरे को भरोसा दे रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Sat, 03 Aug 2024 09:56 AM (IST)
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Himachal Disaster: हिमाचल में आई तबाही में कई परिवार बह गए, अपनों के इंतजार में बैठे परिजन।
संजय भागड़ा, रामपुर (शिमला)। शिमला जिला के रामपुर उपमंडल के समेज में वीरवार के बाद शुक्रवार को भी लापता लोगों के स्वजन डटे रहे। इन्हें उम्मीद है कि इनके अपने सुरक्षित होंगे। हालांकि, बहते पानी और मलबे के बीच अपनों को ढूंढती इनकी आंखें सूखने लगी हैं।

धवार रात बादल फटने के बाद आई बाढ़ से 33 लोग लापता हैं। शुक्रवार को प्रशासन की ओर से एक बड़ी जेसीबी को खड्ड में उतार कर सर्च आपरेशन शुरू किया गया है। यहां तक भारतीय सेना ने खड्ड में शिमला व कुल्लू जिला के दोनों छोर पर एक अस्थायी पुल बनाने का काम शुरू कर दिया।

2006 में गानवी गांव में आई थी भीषण त्रासदी

रामपुर बुशहर में 14 अगस्त, 2006 में गानवी गांव में भीषण त्रासदी आई थी और 52 लोग बादल फटने के कारण बाढ़ की चपेट में आ गए थे और जान गंवा दी थी। अपनों की तलाश में शुक्रवार सुबह से ही समेज खड्ड के पास ग्रामीण मौजूद रहे। एनडीआरएफ, सेना के जवान, स्थानीय पुलिस, आइटीबीपी, सीआइएसएफ, गृहरक्षक, स्थानीय लोग लापता लोगों की तलाश में जुटे रहे।

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हादसे में खो दिया पूरे परिवार

कई ग्रामीणों ने इस हादसे में पूरे परिवार को खो दिया है तो किसी के अन्य पारिवारिक सदस्य लापता हुए हैं, उनका रो-रो कर बुरा हाल है। ग्रामीणों के लिए भारतीय सेना की ओर से एक स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया है और दवाएं दी जा रही हैं। इससे राहत मिल रही है।

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