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Himachal Disaster: आपदा के बाद हिमाचल के पर्यटन कारोबार में छाई मंदी, होटलों में बुकिंग 3 फीसद से भी कम

हिमाचल में बीते दिनों हुई बारिश ने भारी तबाही मचाई है। प्राकृतिक आपदा के बाद प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय बूरी तरह प्रभावित हुआ है। राजधानी शिमला सहित साथ लगते पर्यटन स्थलों में लॉकडाउन जैसी स्थिति है। पर्यटन कारोबार में पूरी तरह मंदी छाई हुई है। हालत ये है कि वीकेंड पर भी होटलों में ऑक्यूपेंसी 3 फीसद भी नहीं है।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Sun, 27 Aug 2023 05:48 PM (IST)
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हिमाचल में होटलों में बुकिंग 3 फीसद से भी कम, फाइल फोटो

शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Rains: हिमाचल में बीते दिनों हुई बारिश ने भारी तबाही मचाई है। प्राकृतिक आपदा के बाद प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय बूरी तरह प्रभावित (Himachal Tourism Business in Loss) हुआ है। राजधानी शिमला सहित साथ लगते पर्यटन स्थलों में लॉकडाउन (Lockdown Situation in Himachal) जैसी स्थिति है।

बंद पड़ा पर्यटन कारोबार 

पर्यटन कारोबार में पूरी तरह मंदी छाई हुई है। हालत ये है कि वीकेंड पर भी होटलों में ऑक्यूपेंसी 3 फीसद भी नहीं है। कई होटल तो पूरी तरह खाली पड़े हुए हैं। कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच बार बंद होने से पर्यटक शिमला आने का मन ही नहीं बना रहे हैं।

कालका शिमला रेलवे लाइन कई सप्ताह से बंद

वहीं कालका शिमला रेल लाइन भी पिछले कई सप्ताह से बंद पड़ी हुई है। पर्यटन कारोबार में पूरी तरह से मंदी छा गई है और होटल में बुकिंग भी कम हो गई है। वीकेंड में फिर एक बार लॉकडाउन जैसे हालात बन गए हैं। रविवार को राजधानी शिमला के मॉलरोड़, रिज मैदान पर पर्यटक दिखे ही नहीं। जबकि वीकेंड पर यहां अच्छी खासी तादात में पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते थे।

मौसम के साथ पटरी पर आएगा पर्यटन व्यवसाय

पर्यटन व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि यातायात व्यवस्था बदहाल है। रेल सेवा बंद है जिसके चलते पर्यटक नहीं आ रहे हैं। उम्मीद है कि धीरे-धीरे मौसम भी बदलेगा तो पर्यटन व्यवसाय भी पटरी पर आएगा।

होटलों में ऑक्यूपेंसी न के बराबर

प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के कारण जहां प्रदेश के पर्यटन कारोबार को बड़ा झटका लगा है। प्राकृतिक आपदा के कारण प्रदेश में पर्यटकों का आना बंद हो गया है। हिमाचल प्रदेश होटल इंडस्ट्री स्टेक होल्डर ऐसोसिएशन के अध्यक्ष मोहेंद्र सेठ ने कहा कि होटलों में ऑक्यूपेंसी न के बराबर है। उन्हेांने कहा कि होटल कारोबारी मंदी की मार झेल रहे हैं। रोजाना के खर्चे निकालना भी मुशिकल हो गया है।

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