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Himachal Economic Crisis: 'जब पैसा है तो 9 को क्यों पहली तारीख को दें पेंशन', सुक्खू सरकार के फैसले से नाराज पेंशनर

हिमाचल प्रदेश Himachal Economic Crisis में आर्थिक तंगी की वजह से सुक्खू सरकार ने पेंशनरों को नौ अक्टूबर को पेंशन देने का एलान किया है। हालांकि सरकार के इस फैसले से पेंशनर खफा हो गए हैं। उनका कहना है कि सरकार उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक समझ रही है और इसी वजह से सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने हिमाचल सरकार के खिलाफ आंदोलन की भी चेतावनी दी है।

By Anil Thakur Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Mon, 30 Sep 2024 01:32 PM (IST)
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हिमाचल प्रदेश में पेंशन में देरी को लेकर पेंशनर खफा।
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल सरकार ने खराब वित्तीय स्थिति के चलते पेंशनरों को नौ अक्टूबर को पेंशन जारी करने का निर्णय लिया है। सरकार के इस निर्णय का विरोध शुरू हो गया है।

लगातार दूसरे माह भी समय पर पेंशन न मिलने पर पेंशनर भड़क गए हैं। उन्होंने सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोलते हुए बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। इसको लेकर पेंशनरों ने अंदरखाते रणनीति बनाना शुरू कर दिया है।

पहले सप्ताह में हो सकता है प्रदर्शन

एक-दो दिन में पेंशनरों की बैठक होगी, जिसमें प्रदर्शन का समय व स्थान तय कर दिया जाएगा। अक्टूबर के पहले सप्ताह में पेंशनर प्रदेशभर में सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे। पेंशनरों का आरोप है कि सरकार उन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक समझ रही है।

वरिष्ठ नागरिकों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। इससे पहले 20 सितंबर को भी पेंशनर जिला मुख्यालयों में मांगों को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं। सरकार ने इस माह वेतन पहली व पेंशन नौ अक्टूबर को देने का निर्णय लिया।

पेंशनरों को कम न आंके सरकार : सुरेश ठाकुर

हिमाचल पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश ठाकुर ने सरकार को चेताया कि उन्हें कम न आंके। न ही उनकी परीक्षा लें। उनकी मांगो को दरकिनार करना भारी पड़ सकता है। सरकार झूठ कह रही है कि वित्तीय स्थिति ठीक है और कोई संकट नहीं है।

अगर वित्तीय स्थिति ठीक है तो पेंशन पहली तारीख को क्यों नहीं दे रही। सरकार को प्रदेश की वित्तीय स्थिति के बारे में श्वेतपत्र जारी करना चाहिए। मंत्रियों, विधायकों, सीपीएस, बोर्ड और निगमों के चेयरमैन के लिए तो कोई वित्तीय संकट नहीं है।

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वरिष्ठ नागरिक राज्य सरकार से नाराज: सुभाष

पेंशनर्स एसोसिएशन शिमला इकाई के महासचिव सुभाष वर्मा ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक सरकार से बहुत नाराज हैं। जिनकी आयु 80 वर्ष से ऊपर है, उन्हें बहुत कम पेंशन मिलती है। परिवार चलाना मुश्किल हो जाता है। सरकार समय पर पेंशन जारी करें।

सरकार कर रही पेशनर्स से भेदभाव: आत्माराम

पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान आत्माराम शर्मा और महासचिव ठाकुर हुकम सिंह कहा कि पहली अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस के रूप में मनाया जाता है। सरकार उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं करती है तो बड़े आंदोलन पर जाने के लिए मजबूर होंगे।

बार-बार सरकार के समक्ष इन मांगों को उठाया जा रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। वेतन व पेंशन की अदायगी अलग-अलग दिन कर सरकार भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि पहली अक्टूबर को शिमला में प्रेसवार्ता कर आगामी रणनीति का एलान किया जाएगा।

ये हैं मुख्य मांगें

  • सितंबर की पेंशन को पहली अक्टूबर को जारी करना।
  • पहली जनवरी, 2016 से 31 जरवरी, 2022 तक सेवानिवृत्त कर्मचारियों के संशोधित ग्रेच्युटी, लीव इंकेशमेंट व कम्यूटेशन का एरियर देना।
  • महंगाई भत्ते (डीए) की तीन किस्त को जारी करना।
  • 31 दिसंबर, 2015 से पहले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 50 व 30 प्रतिशत पे मैट्रिक्स के हिसाब से लाभ देना।
  • पेंशनरों की जेसीसी का जल्द गठन करना।
  • हिमकेयर योजना को पेंशनरों, कर्मचारियों व अन्य के लिए फिर लागू करना।
  • पेंशनरों के लंबित चिकित्सा बिलों के भुगतान के लिए बजट का प्रविधान करना।
  • कम्यूटेशन की 15 वर्षों की सीमा को 10 वर्ष पंजाब व हरियाणा सरकार के आधार पर करना।
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