'केंद्र के सहयोग से चल रही है सुक्खू सरकार',जयराम ठाकुर ने कहा- कर्ज लेने की नहीं सुधरी आदत तो स्थिति होगी और खराब
हिमाचल प्रदेश की वर्तमान माली हालत के लिए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार की आर्थिक नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने लोगों को एडजस्ट करने के लिए उन पर कृपा की है जिससे प्रदेश पर आर्थिक बोझ बढ़ा है। जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से ही सुक्खू सरकार चल रही है।
जागरण संवाददाता, शिमला। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार की आर्थिक नीतियों को प्रदेश की वर्तमान माली हालत का जिम्मेदार बताया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने लोगों को एडजस्ट करने के लिए उन पर कृपा की है, जिन बोर्ड के अध्यक्षों को हमारी सरकार में 30 हजार रुपये का मानदेय मिलता था, उन्हें एक लाख 30 हजार रुपये देने लगे। सात कैबिनेट रैंक बांटे, छह विधायकों को सीपीएस बनाकर मंत्रियों जैसी सुविधाएं दे रहे हैं। सलाहकारों की फौज खड़ी कर ली है। केंद्र सरकार के सहयोग से ही सुक्खू सरकार चल रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में राजस्व अर्जन के सारे रास्ते बंद कर दिए हैं। उद्योग, आबकारी, खनन से राजस्व आने के रास्ते बंद हैं। प्रदेश में राजस्व कहां से आएगा सरकार इस पर विचार नहीं कर रही है। सिर्फ टैक्स बढ़ाकर, महंगाई का बोझ लादकर आर्थिक स्थिति को नहीं सुधारा जा सकता है, सरकार को कल्याणकारी राज्य के दायित्व को भूलना नहीं चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में पहली बार ऐसे हालात बने हैं कि कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पाए और पेंशन अब तक नहीं मिल पाई। जब केंद्र से राजस्व अनुदान घाटा का पैसा आया तो ही वेतन दिया जा सका।
जब सेंट्रल टैक्स का अंशदान आएगा तभी पेंशन दी जाएगी। केंद्र सरकार ने हिमाचल को 50 वर्ष के लिए 1500 करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त ऋण दिया। भविष्य में भी इसी तरह की आर्थिक सहायता मिलती रहेगी। इन सबके बावजूद प्रदेश सरकार की तरफ से हमेशा केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री को कोसा ही जाता है।
20 माह में एक भी नई योजना नहीं, फिर भी 24 हजार करोड़ का ऋण
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोई योजना लागू नहीं की, कोई जनहित के कार्य नहीं किए। 20 माह में ही 24 हजार करोड़ रुपये से अधिक ऋण ले लिया। इसी गति से अगर सुक्खू सरकार ने ऋण लेना जारी रखा तो प्रदेश को गंभीर आर्थिक संकट से जूझना पड़ेगा।
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