अच्छी खबर! बिजली बोर्ड कर्मचारियों की पुरानी पेंशन पर 11 नवंबर को आ सकता है फैसला, हिमाचल सरकार ने दिए निर्देश
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में काफी दिन से हड़ताल कर रहे बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। 11 नवंबर को उनकी मांगों को लेकर फैसला आ सकता है। दरअसल पुरानी पेंशन और 81 आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी मामले को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुना है और मुख्यमंत्री ने बिजली बोर्ड प्रबंधन को पदाधिकारियों से बैठक कर सरकार के पास पक्ष रखने के भी निर्देश दिए।
जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल में बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने, खत्म किए 51 इंजीनियरों के पद व 81 आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के मामले पर अब 11 नवंबर को निर्णय हो सकता है। इस दिन कर्मचारियों की बोर्ड प्रबंधन के साथ बैठक होनी है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को कर्मचारियों के सुंयुक्त मोर्चे के साथ बैठक कर उनकी मांगों को सुना। ओकओवर में हुई बैठक में संयुक्त मोर्चे के समन्वयक इंजीनियर लोकेश ठाकुर व सह समन्वयक हीरा लाल वर्मा मौजूद रहे। बैठक में खत्म किए 51 पदों को बहाल करने, निकाले गए 81 आउटसोर्स चालकों की सेवाएं जारी रखने सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई।
पदाधिकारियों ने कहा कि पदों को समाप्त करने से कार्यालयों का कामकाज प्रभावित होगा। जिन कार्यालयों से चालकों की छंटनी की गई वहां वाहन अभी भी उपलब्ध हैं, जिनमें चालकों की जरूरत है। मोर्चे ने मांग की है कि तमाम मुद्दों पर बोर्ड प्रबंधन कर्मचारी व अभियंताओं के संयुक्त मोर्चे की मांगों को सुने व दोबारा से विचार करे। बोर्ड कर्मचारियों को पुरानी पेंशन लागू करने के मुद्दे को भी उठाया। मोर्चे ने बोर्ड में रिक्त पदों को भरने की मांग की।
कुल्लू में होगा कर्मचारियों का अधिवेशन
मुख्यमंत्री ने बिजली बोर्ड प्रबंधन को 11 नवंबर को मोर्चे के पदाधिकारियों से बैठक कर सरकार के पास पक्ष रखने के भी निर्देश दिए। मोर्चे के नेताओं ने उम्मीद जताई है कि प्रबंधन से बैठक के बाद इन मुद्दों और सकारात्मक प्रस्ताव जाएं और सरकार उस पर गौर करते हुए कर्मचारियों को राहत प्रदान करे।मोर्चे की वीरवार को कुल्लू जिले में इन मुद्दों पर अधिवेशन व रैली रखी थी, वे निर्धारित समय पर ही होगी। मोर्चे को सुबह प्रदेश सरकार ने वार्ता के लिए बुलाया। फ्रंट के अधिकतर पदाधिकारियों के शिमला से बाहर होने से इस तत्काल बैठक में अभियंता लोकेश ठाकुर व हीरा लाल वर्मा ही उपस्थित रहे। बैठक मुख्यमंत्री से ओकओवर में करीब आधे घंटे तक चली।
संचार व जेनरेशन की संपत्तियों को अलग करने का विरोध संयुक्त मोर्चे ने बिजली बोर्ड के ट्रांसमिशन व जेनरेशन की संपत्तियों को इससे अलग करने (पुनर्गठन) की मुहिम का विरोध किया। उन्होंने कहा कि आज बिजली बोर्ड के 2010 से पहले बने ट्रांसमिशन, जेनरेशन वितरण के ढांचे को एकीकृत रखने से लोगों को सस्ती बिजली मिल रही है। बिजली बोर्ड के ढांचे को अलग-अलग करने से जनता को बिजली महंगी दर पर मिलेगी।
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