Himachal Government तैयार कर रही नई स्टार्टअप नीति, अब नहीं मिलेंगे प्रतिमाह 25 हजार रुपये
देश की स्टार्टअप नीति में बदलाव किया जा रहा है। इसका प्रारूप तैयार कर शीघ्र लागू करने की तैयारी है। हिमाचल प्रदेश में नया स्टार्टअप शुरू करने पर अब प्रतिमाह 25 हजार रुपये नहीं मिलेंगे। यह सहायता राशि एक वर्ष तक मिलती थी। (फाइल फोटो)
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Mon, 30 Jan 2023 04:04 PM (IST)
यादवेन्द्र शर्मा, शिमला: हिमाचल प्रदेश में नया स्टार्टअप शुरू करने पर अब प्रतिमाह 25 हजार रुपये नहीं मिलेंगे। यह सहायता राशि एक वर्ष तक मिलती थी। प्रदेश की स्टार्टअप नीति में बदलाव किया जा रहा है। इसका प्रारूप तैयार कर शीघ्र लागू करने की तैयारी है।
कारण यह कि लोग स्टार्टअप शुरू कर देते हैं, लेकिन उसे पूरा नहीं करते। स्टार्टअप पर काम शुरू कर छोड़ देते हैं, लेकिन सरकार से रुपये लेते रहते। अब स्टार्टअप की प्रगति के आधार पर ही राशि दी जाएगी, लेकिन यह प्रतिमाह नहीं मिलेगी। प्रदेश में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी सहित 12 इनक्यूबेशन सेंटर हैं।
नई नीति लागू होने के बाद शुरू होगें आवेदन
नई नीति के तहत इन सेंटर में चयनित स्टार्टअप के लिए उसकी प्रगति के स्तर पर राशि दी जाएगी। यह स्टार्टअप करने वालों के कार्य में तेजी लाने और उन्हें स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। अभी स्टार्टअप के लिए आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं।नई नीति के लागू होने के बाद ही यह प्रकिया शुरू होगी। स्टार्टअप में आइआइटी मंडी का अहम रोल है। इसने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पुरस्कार जीते हैं। हिमाचल प्रदेश को राष्ट्रीय नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र में स्थापित किया है। हिमाचल को स्टेट स्टार्टअप रैंकिंग 2021 में एस्पायरिंग लीडर का पुरस्कार मिला है।
नई नीति के तहत अब यह होगा प्रविधान
स्टार्टअप के लिए इनक्यूबेशन सेंटर के साथ एमओयू होने के बाद एक वर्ष तक मासिक 25 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है। इसके अतिरिक्त परियोजना की लागत के आधार पर 50 लाख रुपये तक सहायता का प्रविधान है। अब नई नीति के तहत सहायता राशि तो मिलेगी, लेकिन कितनी मिलेगी और उसके कितने स्तर होंगे इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है।स्टार्टअप की प्रगति के स्तर पर ही सहायता राशि प्रदान की जाएगी न कि मासिक आधार पर। अब तक स्टार्टअप के तहत 329 इनक्यूबेटर को चुना गया। इनमें से 280 ने इनक्यूबेशन पूरा कर लिया है। इनमें से 78 स्टार्टअप का व्यवसायीकरण किया गया है। जो स्वरोजगार के साथ दूसरों को रोजगार प्रदान कर रहे हैं।
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