Himachal: कर्मचारियों की पेंशन देने के भी पड़े लाले, 800 करोड़ ऋण लेने की तैयारी में हिमाचल सरकार
Himachal राज्य सरकार ने अक्टूबर माह से पहले गत अगस्त माह में 500 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में आज पैदा होने वाले हर बच्चे पर 102818 रुपये से अधिक का कर्ज है जबकि भाजपा सरकार के सत्ता में आने से पहले प्रति व्यक्ति कर्ज 76630 रुपये था। इसके चलते वर्तमान सरकार को वर्ष 2023-24 में कर्ज अदायगी पर 9048 करोड़ रुपये व्यय करने होंगे।
By Parkash BhardwajEdited By: Prince SharmaUpdated: Thu, 09 Nov 2023 06:30 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, शिमला। सरकार एक बार फिर से 800 करोड़ रुपये का ऋण लेने जा रही है। ऋण लेने के लिए सरकार 13 नवंबर को आवेदन करेगी तथा सरकारी खाते में यह राशि 15 नवंबर को जमा होगी। इससे पहले राज्य सरकार ने बीते अक्टूबर माह में 1 हजार करोड़ रुपये का ऋण लिया था। इस ऋण को लेने के बाद प्रदेश सरकार पर ऋण की कुल धनराशि बढ़कर 78430 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी।
राज्य सरकार ने अक्टूबर माह से पहले गत अगस्त माह में 500 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में आज पैदा होने वाले हर बच्चे पर 1,02,818 रुपये से अधिक का कर्ज है, जबकि भाजपा सरकार के सत्ता में आने से पहले प्रति व्यक्ति कर्ज 76,630 रुपये था। इसके चलते वर्तमान सरकार को वर्ष, 2023-24 में कर्ज अदायगी पर 9,048 करोड़ रुपये व्यय करने होंगे।
एरियर व डीए चुकाना है
राज्य सरकार पर इस समय कर्मचारी व पेंशनरों के 1 जनवरी, 2016 से संशोधित वेतनमान के एरियर व 12 फीसदी डीए की करीब 12 हजार करोड़ रुपये की अदायगियां लंबित है। इन अदायगियों का भुगतान के लिए सरकार पर दबाव बनता जा रहा है।हिमाचल प्रदेश पांचवें स्थान पर पहुंच गया
मौजूदा समय में प्रदेश की आर्थिकी कठिन दौर से गुजर रही है। इस कारण अधिक ऋण लेने वाले राज्यों की श्रेणी में हिमाचल प्रदेश पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। इतना ही नहीं प्रदेश में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (बोर्ड-निगम) 5 हजार करोड़ रुपये के घाटे में है। राज्य पर वर्ष, 2017 में 47906 करोड़ रुपये का ऋण था, जे अब बढक़र 78,430 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
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