Himachal Disaster: 450 की मौत, 13000 करोड़ का नुकसान... हिमाचल को पटरी पर लाने में जुटी सरकार; केंद्र को भेजे प्रस्ताव
Himachal दैवीय आपदा के कहर के बाद हिमाचल को बाढ़ की विभीषिका से बचाने की कवायद तेज हो गई है। प्रदेश में नदियों व खड्डों के बाढ़ नियंत्रण व तटीकरण के 2531 करोड़ से अधिक के प्रस्ताव हिमाचल ने केंद्र की मंजूरी को भेजे हैं। जल शक्ति विभाग ने प्रदेश के 7 जिलों में नदियों व खड्डों के बाढ़ नियंत्रण व तटीकरण के इन प्रोजेक्टों को तैयार किया है।
राज्य ब्यूरो, शिमला। दैवीय आपदा के कहर के बाद हिमाचल को बाढ़ की विभीषिका से बचाने की कवायद तेज हो गई है। प्रदेश में नदियों व खड्डों के बाढ़ नियंत्रण व तटीकरण के 2531 करोड़ से अधिक के प्रस्ताव हिमाचल ने केंद्र की मंजूरी को भेजे हैं। जल शक्ति विभाग ने इन प्रस्तावों को केंद्र को भेजा है। इनमें स्वां व यमुना के राइट बैंक के अलावा सीर खड्ड, नकेर खड्ड, गिरी, मार्कंडा व पब्बर नदियों के बाढ़ नियंत्रण व तटीकरण के प्रोजेक्ट शामिल हैं। सबसे बड़ा 504 करोड़ से अधिक का प्रस्ताव जसवां- परागपुर क्षेत्र का है।
पौने दो लाख से अधिक की आबादी को फायदा होगा
जल शक्ति विभाग ने प्रदेश के 7 जिलों में नदियों व खड्डों के बाढ़ नियंत्रण व तटीकरण के इन प्रोजेक्टों को तैयार किया है। इन प्रोजेक्टों को केंद्र की मंजूरी मिलने पर करीब 5930 हैक्टेयर भूमि को बाढ़ अथवा भू कटाव से बचाया जा सकेगा। इससे पौने दो लाख से अधिक की आबादी को फायदा होगा।
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जसवां-परागपुर के 504 करोड़ के प्रोजेक्ट के अलावा ब्यास की सहायक सुकेती खड्ड के 485 करोड़ के बाढ़ नियंत्रण कर्यों को भी केंद्र को भेजे प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। पब्बर 190 करोड़, मार्कंडा 105 करो़ड़ गिरी करीब 25 करोड़ व स्वां के 336 करोड़ के प्रोजेक्टों के अलावा कुछ अन्य प्रोजेक्टों को भी केंद्र को भेजे प्रस्ताव में शामिल किया गया है।
सहायक नदियों ने प्रदेश में अपना रौद्र रूप दिखाया
उप मुख्यमंत्री मुकेश अज्निहोत्री जिनके पास की जल शक्ति विभाग का प्रभार भी है ने कहा कि इन प्रोजेक्टों का कार्य पूरा होने से सार्वजनिक व निजी संपत्ति को बाढ़ से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि मानसून में ब्यास व इसकी सहायक नदियों ने प्रदेश में अपना रौद्र रूप दिखाया था।
हिमाचल ने इस साल अभी तक सबसे भयावह त्रासदी को झेला है। 13000 करोड़ का नुकसान व 450 लोगों की मौत हुई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से न सिर्फ राहत मैनुअल में बदलाव किया, बल्कि विशेष राहत पैकेज भी जारी किया। जलवायु परिवर्तन की भावी चुनौतियों से निपटने के मकसद से सरकार कमर कसने लगी है।
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