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स्मार्ट बिजली मीटर के लिए हिमाचल सरकार विश्व बैंक से करेगी अतिरिक्त फंड की मांग, अब तक 1800 करोड़ की मंजूरी

हिमाचल प्रदेश (Himachal News) में स्मार्ट बिजली मीटर लगाने के लिए सरकार विश्व बैंक से अतिरिक्त फंड की मांग करेगी। पूरे प्रदेश में बिजली के मीटर बदलने में कुलं 3100 करोड़ की लागत आएगी। विश्व बैंक से स्वीकृति मिलने के बाद ही यह प्रोजेक्ट आगे बढ़ पाएगा। वहीं दूसरी तरफ स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर विवाद भी हो रहा है।

By Jagran News Edited By: Jagran News NetworkUpdated: Sat, 20 Jul 2024 02:26 PM (IST)
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हिमाचल सरकार स्मार्ट बिजली मीटर के लिए करेगी अतिरिक्त फंड की मांग (जागरण फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, शिमला। हिमाचल में विवादित स्मार्ट बिजली मीटर खरीद के लिए प्रदेश सरकार विश्व बैंक से अतिरिक्त फंड की मांग करेगी। विश्व बैंक प्रायोजित इस योजना के तहत पूरे प्रदेश में बिजली के मीटर बदले जाने हैं। इन मीटर को बदलने के लिए 3100 करोड़ रुपये की लागत आएगी। वर्तमान में 1800 करोड़ रुपये इस योजना के लिए पहले ही स्वीकृत हैं।

इसके अलावा अतिरिक्त राशि की जरूरत पड़ रही है। इस राशि को मांगने का मामला केंद्र के माध्यम से विश्व बैंक को भेजा गया है। विश्व बैंक की ओर से स्वीकृति मिलने के बाद ही यह प्रोजेक्ट आगे बढ़ पाएगा। राज्य बिजली बोर्ड ने प्रदेश के सभी घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली मीटर बदलने का फैसला लिया है।

स्मार्ट बिजली मीटर लगने के बाद घर जाकर रीडिंग कर बिल देने से छुटकारा मिलेगा। ऑनलाइन मीटर रीडिंग दिखेगी और बिल दिए जा सकेंगे। बोर्ड ने अभी तक यह काम या तो अपने कर्मचारियों से करवाया जाता है या फिर आउटसोर्स कर काम आगे किसी एजेंसी को दिया है। स्मार्ट मीटर लगने से बोर्ड को इन कर्मचारियों को देने वाले वेतन व मानदेय की बचत होने की उम्मीद है।

स्मार्ट मीटर लगाने पर क्यों हो रहा विवाद?

राज्य बिजली बोर्ड के निदेशक मंडल ने मीटर बदलने के फैसले को स्वीकृति दे दी है। हालांकि, निदेशक मंडल की बैठक में ही राज्य वित्त विभाग की ओर से मौजूद अधिकारी ने साफ तौर पर इसके लिए इन्कार किया था। उन्होंने इस मामले को प्रदेश सरकार के पास भेजने की बात कही थी। इसके बावजूद से सरकार के पास मामला भेजने के बजाय निदेशक मंडल में ही स्वीकृत कर दिया था।

हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने भी इस पर सवाल उठाए थे। यूनियन का कहना था कि एक ओर सरकार उपभोक्ताओं को 125 यूनिट निःशुल्क बिजली दे रही है। इन उपभोक्ताओं को बिजली बिल नहीं आते हैं तो ऐसे में स्मार्ट मीटर खरीदने की आवश्यकता नहीं है।

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