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एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल​​​​​​ बहाल करने की तैयारी में हिमाचल सरकार, केंद्र को लिखा पत्र; जयराम ठाकुर ने किया था बंद

हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार प्रदेश में एक बार फिर से प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को खोलने जा रही है इसके लिए प्रदेश कार्मिक विभाग की तरफ से केंद्र की मोदी सरकार को पत्र लिखा गया है और इसकी अनुमति मांगी गई है। 2019 में पूर्व जयराम सरकार ने अध्यादेश लाकर ट्रिब्यूनल को समेट दिया था।

By Yadvinder SharmaEdited By: Preeti GuptaUpdated: Thu, 26 Oct 2023 01:43 PM (IST)
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एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल​​​​​​ बहाल करने की तैयारी में हिमाचल सरकार

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal News: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार प्रदेश में एक बार फिर से प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को खोलने जा रही है इसके लिए प्रदेश कार्मिक विभाग की तरफ से केंद्र की मोदी सरकार को पत्र लिखा गया है और इसकी अनुमति मांगी गई है।

केंद्र से परमिशन के बाद ही खुलेगा ट्रिब्यूनल

केंद्र की मोदी सरकार से अनुमति मिलने के बाद ही प्रशासनिक ट्रिब्यूनल खोला जा सकेगा। पूर्व की जयराम सरकार ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद कर दिया था। जिसे पूर्व की वीरभद्र सरकार ने धूमल सरकार द्वारा बंद करने के बाद इसे दोबारा से बहाल किया था।

अनौपचारिक एजेंडा के तहत लिया गया फैसला

मंत्रिमंडल की बैठक में बीते दिनों अनौपचारिक एजेंडा के तहत यह फैसला लिया था। इसके बाद कार्मिक विभाग ने भारत सरकार से एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल एक्ट 1985 के प्रावधानों के तहत अनुमति मांगी है। मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने अपना फैसला देने से पहले कुछ औपचारिकताएं पूरी करने को कहा है।

सरकारी कर्मचारियों को होगा ट्रिब्यूनल से फायदा

हिमाचल सरकार को कहा गया है कि नए प्रस्तावित ट्रिब्यूनल में प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां, कर्मचारियों की सेवा शर्तें पूरे नियमों का ड्राफ्ट पहले भेजा जाए। राज्य सरकार का तर्क है कि प्रशासनिक प्राधिकरण खुलने से सरकारी कर्मचारियों को सेवा संबंधी मामलों में जल्द न्याय मिलेगा।

प्रदेश उच्च न्यायालय में लगने वाली फीस भी कम होगी। सरकारी कर्मचारियों के सेवा संबंधी मामलों को देखने के लिए हिमाचल में सबसे पहले प्रशासनिक प्राधिकरण 1986 में खोला गया था।

जयराम  सरकार ने किया था बंद 

भाजपा की धूमल सरकार ने 2008 में इसे बंद कर दिया था।  2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने ट्रिब्यूनल को फिर से बहाल कर दिया, लेकिन 2019 में पूर्व जयराम सरकार ने अध्यादेश लाकर ट्रिब्यूनल को समेट दिया।

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ट्रिब्यूनल अध्यक्ष थे जस्टिस वीके शर्मा

पूर्व जयराम सरकार के समय नौ अगस्त, 2019 को अध्यादेश लाकर प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद किया गया था। उस वक्त ट्रिब्यूनल में अध्यक्ष जस्टिस वीके शर्मा थे और 21000 केस प्रशासनिक ट्रिब्यूनल से हाई कोर्ट को शिफ्ट हुए थे। उस समय करीब 100 कर्मचारी इस ट्रिब्यूनल में तैनात थे।

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