हिमाचल के हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुराचार के दोषी को किया बरी, 10 साल की सजा व दस हजार रुपये का लगा था जुर्माना
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुराचार के एक मामले में 10 साल की सजा भुगत रहे दोषी को बरी करार कर दिया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने कांगड़ा के प्रदीप की अपील को स्वीकार करते हुए यह निर्णय सुनाया है। ट्रायल कोर्ट ने उस व्यक्ति पर 10 साल की कठोर सजा व 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।
By Jagran NewsEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Sat, 07 Oct 2023 09:44 PM (IST)
जागरण संवाददाता, शिमला। Himachal High Court Acquitted The Accused: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुराचार के जुर्म में (Molesting a Minor) 10 साल की सजा भुगत रहे दोषी को बरी करार दिया है। कोर्ट ने दोषी को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने कांगड़ा के प्रदीप की अपील को स्वीकार करते हुए यह निर्णय सुनाया है।
ट्रायल कोर्ट ने पॉक्सो अधिनियम के तहत ठहराया था दोषी
ट्रायल कोर्ट (Trial Court) ने प्रदीप को पॉक्सो अधिनियम के तहत दोषी ठहराया था। इस जुर्म के लिए ट्रायल कोर्ट ने उसे 10 साल की कठोर करावास और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। इस निर्णय के खिलाफ आरोपी ने हाईकोर्ट के समक्ष अपील दायर की थी। हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद पाया कि निचली अदालत के समक्ष अभियोजन पक्ष अभियोग साबित करने में नाकाम रहा है।
ये लगा था आरोप
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने 17 साल की लड़की से दो बार दुराचार किया है। मामले की जांच के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पोक्सो अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की। हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद कहा कि आरोपी को तब तक दोषी नहीं ठहराया जा सकता है जब तक उसके खिलाफ पुख्ता सुबूत न हो। कोर्ट ने निचली अदालत के निर्णय को निरस्त करते हुए आरोपी की अपील को स्वीकार किया है।
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